Greater Noida Farmers Protest News: यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने में भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya kisa Union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पहुंचे. जहां उन्होंने प्रशासन और प्राधिकरण पर जामकर निशान साधा. राकेश टिकैत ने कहां की जमीन पर पहला हक किसानों का है. किसानों की बातों को अधिकारियों को सुननी चाहिए और उनकी मांगों को पूरा करना चाहिए. अगर किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तो उसके लिए आंदोलन किया जाएगा.


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दरअसल, भारतीय किसान यूनियन (BKU)  द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर 9 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन धरने चल रहा है. उनकी मांग है कि गौतम बुद्ध नगर के किसी भी गांव में नए अधिग्रहण से पूर्व सर्किल रेट में बढ़ोतरी की जाए, जेवर एयरपोर्ट की विस्थापित नीति में बदलाव किया जाए. किसानों का 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा दनकौर, अट्टा गुजरान और फतेहपुर में विवरण तुरंत शुरू किया जाए. नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना विकास प्राधिकरण अधिग्रहण के दौरान किसानों की आबादी को जहां है जैसी है इस स्थिति में उसे छोड़े इसके साथ ही गौतम बुध नगर के सभी किसानों को 10% आवासीय भूखंड व रोजगार सहित अन्य सुविधाओ की मांग को लेकर किसानों का यह अनिश्चितकालीन आंदोलन चल रहा है.


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शनिवार को राकेश टिकैत ट्रैक्टर पर सवार होकर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने पर पहुंचे. जहां पिछले 13 दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर प्राधिकरण और प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान धरने पर किसानों के साथ महिलाएं भी भारी संख्या में शामिल रही. ग्रेटर नोएडा पहुंचने पर राकेश टिकैत ने प्राधिकरण और प्रशासन पर जमकर हल्ला बोला उन्होंने प्राधिकरण पर किसानों की मांगों को न मानने का आरोप लगाया. राकेश टिकैत ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारी किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है, लेकिन उनको किसानों की बात सुननी पड़ेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्राधिकरण अपनी मनमानी कर रहे हैं, जबकि यहां की जमीन पर पहले किसानों का हक है ना कि प्राधिकरण का इसलिए प्रशासन और प्राधिकरण को किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए.


इसके साथ ही राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की जमीन एयरपोर्ट के निर्माण के लिए ली जा रही है. गांवों को विस्थापित किया जा रहा है, लेकिन कुछ किसान ऐसे भी जिनके पास अब जमीन नहीं बची है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के पास तो कई-कई मकान है, लेकिन जिनकी जमीन नई बची है. ऐसे किसान बेघर हो रहे हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन और प्राधिकरण के अफसरों को बैठकर किसानों की बात सुनाई चाहिए और उनकी मांगों को पूरा किया जाना चाहिएस, जिससे किसान परेशान ना हो. 


इस दौरान धरना स्थल पर दर्जनों गांव के सैकड़ो किसान मौजूद रहे. धरनास्थल पर महिलाएं भी भारी संख्या में शामिल हुई. सभी ने एकजुट होकर अपनी मांगों को पूरा करने तक धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा उनका यह धरना लगातार चलता रहेगा।


Input: Pranav Bhardwaj