Cashless Treatment: हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों के लिए जनरल इंश्‍योरेंस काउंसिल (GIC) ने एक बड़ा फैसला किया है. इसके अनुसार अब पॉलिसी धारक देश के किसी भी अस्पताल में कैश-लेस इलाज करा सकेंगे. इस सुविधा की शुरुआत 25 जनवरी से की गई. इससे पहले केवल चुनिंदा अस्पतालों में ही कैश-लेस इलाज की सुविधा दी जाती थी.


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जनरल इंश्‍योरेंस काउंसिल (GIC) का गठन साल 2001 में इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) द्वारा किया गया. यह  IRDAI और लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री के बीच एक लिंक की तरह काम करता है. हाल ही में GIC द्वारा 'कैशलेस एवरीवेयर' नाम के नए इनिशिएटिव की शुरुआत की गई है, जिसमें अब मरीजों को सभी अस्पतालों में कैश-लेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी.


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केवल चुनिंदा अस्पतालों में मिलती थी सुविधा
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों को पहले केवल उन अस्पतालों में कैश-लेस इलाज की सुविधा मिलती थी, जिस अस्पताल का उस इंश्योरेंस कंपनी से टाई-अप होता था. अगर उस अस्पताल का आपकी इंश्योरेंस कंपनी से से टाई-अप नहीं है तो आपको इलाज के बाद सारे पैसे अपने जेब से भरने पड़ते थे. बाद में आप अस्पताल के बिल की मदद से बीमा कंपनी से रिम्बर्समेंट ले सकते थे. इस नियम की वजह से मरीजों को इलाज के दौरान काफी परेशानी उठानी पड़ती थी.


अब मिलेगा 100 प्रतिशत कैश-लेस इलाज
मरीजों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अब इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) द्वारा ये फैसला लिया गया है. इसके अनुसार, 15 से ज्यादा बेड वाले देश के सभी अस्पताल, जो स्टेट की हेल्थ अथॉरिटी से रजिस्टर्ड हैं उन सभी में मरीजों को कैश-लेस इलाज की सुविधा दी जाएगी. इस नई सुविधा का लाभ सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों को मिलेगा, जिन लोगों ने पहले से पॉलिसी ले रखी है उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा. इसके लिए किसी को भी कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना पड़ेगा. 


बीमा कंपनी को देनी होगी जानकारी
आप जिस अस्पताल में इलाज कराना चाहते हैं अगर उसका टाइ-अप आपकी बीमा कंपनी के साथ नहीं है तो आपको इलाज शुरू कराने के 48 घंटे पहले कंपनी को इसके बारे में जानकारी देनी होगी. वहीं आपात स्थिति में कैश-लेस इलाज का लाभ लेने के लिए आपको 48 घंटे के अंदर इसकी जानकारी बीमा कंपनी को देनी होगी.