नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 1500 लोगों को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे हैं. नौकरी पाने वालों में 324 स्कूल प्रधानाचार्य और 500 से ज्यादा फायर कर्मी शामिल हैं. इस दौरान उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए इस अहम पदों पर नियुक्ति न होने को शर्मनाक बताया. उपराज्यपाल ने बताया कि दिल्ली फायर सर्विस में साल 2014 के बाद 500 कर्मियों की नियुक्ति हुई है, इससे फायर सर्विस को और बल मिलेगी. 324 प्रधानाचार्यों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाने के बाद उपराज्यपाल ने कहा कि मुझे काफी प्रसन्न्ता हो रही है और दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अपना पूरा योगदान देंगे.



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खाली पड़े पदों को भरा जाएगा- LG
1500 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाने के दौरान दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि दिल्ली के अलग-अलग विभागों में खाली पड़े पदों को भी भरा जाएगा. उपराज्यपाल ने खाली पड़े 20 हजार पदों को जल्द से जल्द भरने का किया दावा. उपराज्यपाल ने बताया कि बीते दस महीनों से अब तक कुल 15 हजार से ज्यादा नियुक्तियां की जा चुकी है. साथ ही उपराज्यपाल ने कहा कि एडहॉक बेस पर भर्ती के सिलसिले को भी खत्म करके लोगों को स्थाई रोजगार दिया जाएगा. इस दौरान उपराज्यपाल ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने की कोशिश की भी बात कही.


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LG ने केंद्र सरकार की पोल खोली- सौरभ भारद्वाज


दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को निशाने पर लिया.  कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्लीवासियों के सामने केंद्र सरकार की पोल खोलकर रख दी है कि केंद्र सरकार ने एक साजिश के तहत वर्षों तक दिल्ली के सरकारी विभागों में पदों को खाली रखा. सौरभ भारद्वाज ने सवाल किया कि कई सालों तक केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के विभागों में हजारों पदों को खाली रखकर दिल्लीवालों को क्यों परेशान किया? 


एलजी साहब ने साबित किया, BJP झूठा आरोप लगाती थी- सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि एलजी साहब ने आज ये साबित कर दिया कि बीजेपी झूठा आरोप लगाती थी कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रिंसिपलों और शिक्षकों की भर्ती सीएम अरविंद केजरीवाल को करनी थी. जबकि सच्चाई ये है कि दिल्ली का सर्विस विभाग केंद्र सरकार के अधीन है. और चूंकि एलजी साहब केंद्र सरकार के नुमाइंदे हैं, इसलिए ये काम एलजी साहब को करना था और वे नहीं कर रहे थे.