Delhi: फिक्स दुकान से किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने को मजबूर करने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ एक्शन में AAP सरकार
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1659811

Delhi: फिक्स दुकान से किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने को मजबूर करने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ एक्शन में AAP सरकार

Delhi News: प्राइवेट स्कूलों की किताबें और यूनिफार्म के संबंध में शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किया गया है. जिसके तहत प्राइवेट स्कूल में पेरेंट्स को किसी खास वेंडर से महंगी किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते.

Delhi: फिक्स दुकान से किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने को मजबूर करने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ एक्शन में AAP सरकार

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने पेरेंट्स को महंगी किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने को बाध्य करने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है. नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों को सरकार की ओर से 'कारण बताओ नोटिस' भेजना शुरू कर दिया गया है. नोटिस का संतोषप्रद जबाव न मिलने पर शिक्षा निदेशालय संबंधित स्कूलों के खिलाफ सख्त कारवाई करने को तैयार है. इसको लेकर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि पेरेंट्स से शिकायत आने पर संबंधित स्कूलों को 'कारण बताओ नोटिस' भेजा गया है. 

साथ ही डीडीई स्तर पर इसकी जांच भी की जा रही है. अगर गाइडलाइंस के उल्लंघन की स्थिति होती है तो इन स्कूलों पर दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट 1973 (Delhi School Educational Act- 1973) के संबंधित प्रावधानों की तहत कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने कहा कि पेरेंट्स से आने वाली शिकायतों पर उन्होंने खुद नजर बना रखी है और शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिए है कि पेरेंट्स की ओर से आने वाली हर शिकायत का तुरंत निवारण किया जाए. जिससे कि उन्हें किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े.

बता दें कि शिक्षा निदेशालय द्वारा गाइडलाइंस जारी करने के बावजूद पेरेंट्स की ओर से 12 स्कूलों के खिलाफ शिकायत मिल रही है. स्कूल प्रशासन उन्हें खास वेंडर से महंगी किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने को मजबूर कर रहे है. जो पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन है. इससे निपटने के लिए शिक्षा निदेशालय इन शिकायतों पर प्राथमिकता से काम करते हुए उनको सुलझाने का काम कर रही है. साथ ही जिन स्कूलों के खिलाफ ये शिकायतें आ रही है वहां अधिकारीयों द्वारा इन शिकायतों की जांच करवाई जा रही है. गाइडलाइन्स की उल्लंघन की स्थिति में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. नोटिस का संतोषप्रद जवाब न मिलने की स्थिति में इन स्कूलों के खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी. निदेशालय ने गाइडलाइन्स के उल्लंघन के मामले में सख्ती बरतते हुए अबतक 12 स्कूलों को कारण बताओं नोटिस भेजा है और साथ ही 6 अन्य स्कूलों के खिलाफ जांच भी की है.

ये भी पढ़ें: Delhi: यमुना खादर के तालाब में डूबने से 3 बच्चों की हुई मौत, एक की नहीं हुई पहचान

शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइन्स पेरेंट्स को ये स्वतंत्रता देती है कि वे अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी जगह से बच्चों के लिए किताबें और ड्रेस खरीद सकें. ऐसे में अगर प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स को खास जगह से महंगी किताबें-स्कूल ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य कर रहे है तो ये गाइडलाइन्स की उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार बच्चों की शिक्षा को लेकर किसी भी प्रकार का समझौता करने को तैयार नहीं है. अगर प्राइवेट स्कूल नियमों की अवहेलना कर रहे हैं तो उन्हें बक्शा नहीं जाएगा. 

किताबें और ड्रेस खरीदने को लेकर प्राइवेट स्कूलों के लिए क्या है शिक्षा निदेशालय की गाइडलाइन्स
- शिक्षा निदेशालय के गाइडलाइन्स के तहत निजी स्कूलों को नए सत्र में प्रयोग में आने वाले किताबों और अन्य स्टडी मटेरियल की सूची नियमानुसार स्कूल की वेबसाइट और विशिष्ट स्थानों पर पहले से ही प्रदर्शित करनी होती है. जिससे कि अभिभावकों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके. 
- इसके अलावा स्कूल को अपनी वेबसाइट पर स्कूल के नजदीक की कम से कम 5 दुकानों का पता और टेलीफोन नंबर भी प्रदर्शित करना होता है . जहां से पेरेंट्स किताबें और स्कूल ड्रेस खरीद सकें. 

बता दें कि स्कूल पेरेंट्स को किसी भी विशिष्ट विक्रेता से इन चीजों को खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकता. माता-पिता अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी दुकान से किताबें और यूनिफॉर्म खरीद सकते है. साथ ही शिक्षा निदेशालय की इस गाइडलाइन्स में ये भी स्पष्ट किया गया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल कम से कम 3 साल तक स्कूल ड्रेस के रंग, डिज़ाइन और अन्य स्पेसिफिकेशन को नहीं बदल सकता है.

Trending news