Delhi News: कल शनिवार 17 जून 2023 को एक RTI के हवाले से खबर सामने आई थी कि प्रिंटिंग प्रेस में भेजे जाने और रिजर्व बैंक तक पहुंचने के बीच 500 के करीब 176 करोड़ नोट गायब हो गए हैं. इस मामले में अब भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सफाई जारी करते हुए इस दावे को गलत करार दिया गया है. RBI ने कहा है कि छपाई के बाद नोट रिजर्व बैंक भेजने और नोटों के मिलान के लिए एक बेहतर व्यवस्था बनाई गई है. बैंक ने कहा है कि कुछ प्रिंटिंग प्रेस ने सिर्फ नए नोटों की जानकारी दी है, जिसके आधार पर RTI दायरकर्ता ने अपना पूरा हिसाब नई सीरीज के अनुसार बनाया, जिस वजह से हिसाब गलत हुआ है. 



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बता दें कि RTI के हवाले से यह दावा किया गया था साल 2015-16 के बीच 500 के 375.450 Million नए नोटों की छपाई की गई थी, जबकि RBI को केवल 345.000 Million नोट ही प्राप्त हुए. इस मामले में रिजर्व बैंक ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि RTI का हवाला देकर फैलाई जा रही जानकारी सही नहीं है.


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भारत की तीन सरकारी टकसालों भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (पी) लिमिटेड, बेंगलुरु, करेंसी नोट प्रेस, नासिक और देवास में बैंक नोट प्रेस में अपने मुद्रा नोटों को प्रिंट करता है. यहीं से ही भारतीय अर्थव्यवस्था में आगे वितरण के लिए उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक की तिजोरियों में भेजता है.


वहीं मामले को लेकर विपक्ष के नेता अजीत पवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि नासिक, देवास और बेंगलुरु में केंद्र सरकार के चलन प्रिंटिंग प्रेस से 500 रुपये के अरबों के नोट गायब हो गए हैं. 2016 में नोट फैक्ट्री में नोट छापे गए, लेकिन वे सरकार के खजाने में नहीं पहुंचे, उन्होंने एक अखबार के संदर्भ में आरोप लगाया.


नासिक करेंसी नोट प्रेस की रिपोर्ट में दिखाया गया है कि नए डिजाइन के 500 रुपये के नोट भारतीय रिजर्व बैंक को दिए गए हैं, लेकिन इसका बारे में रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में नहीं किया गया है. नासिक करेंसी नोट प्रेस द्वारा दी गई जानकारी में दिखाया गया है कि 2016-2017 में भारतीय रिजर्व बैंक को 1,662.000 मिलियन नए डिजाइन के 500 रुपये के नोट आपूर्ति की गई थी.