Sirsa News: हरियाणा में सबसे ज्यादा किन्नू का उत्पादन सिरसा जिले में होता है. सिरसा जिले में 16-17 हजार एकड़ मे किन्नू के बाग लगाए गए हैं. सिरसा जिले का किन्नू देश के अलावा विदेशों में भी एक्सपोर्ट होता है. पिछले 2 सालों में हीटवेव के चलते इसकी पैदावार कम हुई. इस बार बागबानों को उम्मीद थी कि फसल की पैदावार 2 साल से अच्छी होगी, लेकिन पिछले हफ्ते आए तूफान और बरसात ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया. 


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सिरसा में है सबसे ज्यादा किन्नू के बाग
बागबानी अधिकारियों की मानें तो इस बार 30 से 40 प्रतिशत का नुकसान तूफान के चलते हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि अगर मौसम आने वाले दिनों में फिर ऐसा होता है तो काफी नुकसान होने की उम्मीद है. क्योंकि किन्नू के पौधे पर फल लगने शुरू हो गए हैं. ऐसे में अगर फिर तूफान या अंधेरी आती है तो किन्नू को काफी नुकसान पहुंच सकता है. सिरसा जिले में डबवाली क्षेत्र में सबसे ज्यादा किन्नू के बाग हैं. बागों की तस्वीरें देखकर ऐसे लगता है कि किसानों को काफी नुकसान हुआ है. बाग में लगे पौधों से फल टूटकर नीचे जमीन पर बिखरा पड़ा है.


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तूफान ने किसानों की किसानों की उम्मीदों पर फेरा पानी 
जिला बागवानी अधिकारी पुष्पेंद्र कुमार का कहना है कि इस बार बंपर फसल की उम्मीद लगाई थी, लेकिन पिछले दिनों आए तूफान ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. उन्होंने कहा कि अनुमान है कि इस तूफान के चलते 30 से 40 प्रतिशत पैदावार मे कमी देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि 2 साल से हीटवेव के चलते फसल की पैदावार पर असर पड़ा था. इस बार अनुमान लगाया जा रहा था कि पैदावार अच्छी होगी.


किन्नू का नुकसान उठा चुके किसान मुआवजे के लिए पोर्टल पर दें जानकारी 
उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने मुख्यमंत्री बागवानी योजना के तहत बीमा करवाया हुआ है. वह तुरंत पोर्टल पर नुकसान की जानकारी दे सकते हैं, जिससे कि ताकि उन्हें मुआवजा दिलवाया जा सके. उन्होंने कहा कि इस बार अनुमान था कि प्रति एकड़ 100 से 120 क्विंटल के करीब प्रति एकड़ में किन्नू की पैदावार होगी, लेकिन इस मौसम में इस पैदावार को घटाकर 70 क्विंटल के करीब कर दिया है. उन्होंने कहा कि अगर आने वाले दिनों में फिर इस तरह से मौसम होता है तो नुकसान और बढ़ जाएगा.


Input: विजय कुमार