Children Mobile Addiction: छुट्टियों में खेलने के बजाय मोबाइल में व्यस्त हैं बच्चे, कौन है इसका जिम्मेदार?
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1723927

Children Mobile Addiction: छुट्टियों में खेलने के बजाय मोबाइल में व्यस्त हैं बच्चे, कौन है इसका जिम्मेदार?

मोबाइल के कारण बच्चों का बचपन अब मोबाइल में कैद होता हुआ दिखाई दे रहा है. बच्चे गर्मियों की छुट्टियां होने के बावजूद भी मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ ज्यादा बिजी नजर आ रहे हैं.

Children Mobile Addiction: छुट्टियों में खेलने के बजाय मोबाइल में व्यस्त हैं बच्चे, कौन है इसका जिम्मेदार?

Mobile Addiction in Children: मोबाइल के कारण बच्चों का बचपन अब मोबाइल में कैद होता हुआ दिखाई दे रहा है. बच्चे गर्मियों की छुट्टियां होने के बावजूद भी मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ ज्यादा बिजी नजर आ रहे हैं. कुछ बच्चे जो खेलने के लिए पार्कों में जा भी रहे तो वहां उनके साथ भी समस्या नजर आ रही है. गाजियाबाद महानगर में यूं तो कहने को 1200 से ज्यादा पार्क है. निगम द्वारा पार्कों का डेवलपमेंट भी कराया गया है. यहां पार्कों में झूले की व्यवस्था भी कराई गई है, लेकिन कहीं आसपास रहने वाले कुछ लोग पार्कों में ना खेलने के लिए कहते हुए नजर आते. 

ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि बच्चों के कुछ आउटडोर जैसे क्रिकेट फुटबॉल आदि खेलने से घास और पाक के संदेश करण को नुकसान पहुंचता है. ऐसे में बच्चे खेल ही खेल पाते हैं और ऐसे में इन खेलों के बदले में उन्हें मोबाइल गेम ज्यादा पसंद आते हैं. इसको लेकर बच्चों का कहना था कि उन्हें मोबाइल और टीवी गेम ज्यादा पसंद है. सभी बच्चे टीवी और मोबाइल को ज्यादा समय देते हुए नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Sonipat Crime News: रजवाहे में मिला खुर्द-बुर्द शव, परिजनों ने दोस्तों पर जताया 

वही बच्चों के अभिभावक की भी यही कहना है कि बच्चे टीवी और मोबाइल को ज्यादा समय दे रहे हैं. बच्चों घर से बाहर नहीं निकलते हैं और ज्यादातर समय मोबाइल पर बिताना पसंद करते हैं. कुछ अभिभावक यह भी कहते हुए नजर आए कि गलती बड़ों की है जो बच्चों को कम उम्र में मोबाइल और टेब देते हैं, जिससे कि बच्चा किसी तरह से उन्हें परेशान न करें. अभिभावकों को बच्चों को खुद से समय देना चाहिए और बच्चों को साथ में खेलना चाहिए.

वहीं नगर निगम के उद्यान प्रभारी डॉ अनुज के अनुसार पिछले कुछ समय में 200 से ज्यादा पार्क को विकसित किया गया है. पार्क में झूले आदि की व्यवस्था भी की गई है. वहीं अधिकारी भी दबे स्वर में मान रहे हैं कि बच्चों को बड़े गेम खेलने के लिए अलग से जगह बनाई जानी जाए, जिससे कि बच्चों के खेल खेलने से घास और पौधों का नुकसान ना हो.

Input: पियुष गौर