गुरुग्राम: दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया और टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद गुरुग्राम की भोंडसी जेल को अलर्ट पर रखा गया है. जेल मंत्री के आदेश के बाद जेल की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. गैंगस्टर कौशल, लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों समेत कई कुख्यात बदमाशों को स्पेशल सेल में रखा गया है. प्रदेश की सबसे बड़ी और हाईटेक इस जेल में अब कैदियों को भोजन के दौरान चम्मच नहीं दिया जाएगा. 


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टिल्लू ताजपुरिया हत्यकांड के चारों आरोपियों को आज पटियाला कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 4 दिन की पुलिस रिमांड पपर भेज दिया. सुनवाई के दौरान कोर्ट में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. 


दरअसल तिहाड़ में टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद जांच में यह बात निकलकर सामने आई थी कि हत्या में शामिल चार आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए एग्जॉस्ट फैन और जेल की चीजों से नुकीले हथियार बनाए थे और उनसे टिल्लू पर ताबड़तोड़ वार किए थे. हमले के दो वीडियो भी सामने आए थे, जिसमें से एक में चारों आरोपी टिल्लू पर लगातार वार करते दिख रहे हैं, वहीं दूसरे में जब पुलिसकर्मी लहुलुहान टिल्लू को वहां से उठाकर लाती है तो पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में भी आरोपी फिर से टिल्लू ताजपुरिया पर एक के बाद एक वार करते हैं.


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वीडियो सामने आने के बाद हत्या के वक्त तिहाड़ जेल में ड्यूटी पर तैनात तमिलनाडु विशेष पुलिस (टीएनएसपी) के सात कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. उन पर वारदात के समय मूकदर्शक बने रहने का आरोप है.
यह कदम तब उठाया गया है जब दिल्ली कारागार के महानिदेशक संजय बेनीवाल ने तमिलनाडु पुलिस को पत्र लिखकर उनसे अपने कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था. जेल के एक अधिकारी ने बताया कि टीएनएसपी के अधिकारियों के साथ उनके कर्मियों की कथित लापरवाही के संबंध में एक बैठक भी की गई, जिसमें उन्होंने अपने कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.


विरोधी गैंग के बदमाश एक जेल में क्यों? 
दरअसल तिहाड़ जेल में ताजपुरिया की हत्या में शामिल चार कैदी- दीपक उर्फ तीतर, योगेश उर्फ टुंडा, राजेश और रियाज खान प्रतिद्वंद्वी गोगी गैंग से ताल्लुक रखते हैं. ताजपुरिया की हत्या से पहले 30 मार्च को जेल नंबर 8,9 में आरोपी योगेश और राजेश को शिफ्ट किया गया था. जबकि दो अन्य आरोपी पहले से ही वहां बंद चल रहे थे. हत्या के बाद जेल प्रशासन पर ये भी सवाल उठा कि दो विरोधी गैंग के बदमाशों को एक ही जेल में क्यों रखा गया था, जबकि ऐसी स्थिति में गैंगवार की आशंका सबसे ज्यादा होती है.  


इनपुट: देवेंद्र भारद्वाज