Gurugram News: इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली विभाग के दावे हुए फेल, कटौती से परेशान उद्योपतियों ने NGT से की शिकायत
Gurugram News: गुरुग्राम के सेक्टर 37 इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली कटौती की वजह से ज्यादातर समय फैक्ट्रियों में काम बंद रहता है. परेशान उद्योगपतियों ने हरियाणा बिजली वितरण निगम(DHBVN) की शिकायत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) से की है.
Gurugram News: दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम के सेक्टर 37 इंडस्ट्रियल एरिया में उद्योगपति रोजाना बिजली के अघोषित कट से परेशान हो चुके हैं. हर महीने सेक्टर 37 के उद्योपतियों को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है, जिसकी वजह से उन्होंने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम(DHBVN) की शिकायत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) से की है.
विश्व के मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बना चुके साइबर सिटी गुरुग्राम में इंडस्ट्रियल इलाके में आज के आधुनिक समय मे भी बिजली आपूर्ति पूर्ण रूप से नही हो पा रही, जिसका खामियाजा सेक्टर 37 के उद्योगपति भुगत रहे हैं. सेक्टर 37 इंडस्ट्रियल इलाके में एक हजार से ज्यादा अलग-अलग तरह की इंडस्ट्री है, जिसमें लगभग एक लाख लोग काम करते हैं. उद्योपतियों की मानें तो पिछले काफी समय से सेक्टर 37 इंडस्ट्रियल एरिया में पॉवर सप्लाई सुचारू रूप से नहीं हो रही है, जिस वजह से ज्यादातर समय फैक्ट्रियों में काम ठप रहता है. बिजली आपूर्ति न होने के कारण किसी भी फैक्ट्री में समय पर प्रोडक्शन नहीं ही पाता, इस वजह से हर महीने उद्योपतियों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. वहीं रविवार के दिन 7 घंटे से ज्यादा बिजली की कटौती हो रही है. इस समस्या को लेकर प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (PFTI) के गुड़गांव अध्यक्ष, पीके गुप्ता ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को पत्र लिखा है.
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उद्यमियों का कहना है कि एनजीटी के गाइडलाइन के अनुसार, औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति होनी चाहिए. इसके बाद भी DHBVN द्वारा सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्र में लगातार बिजली की कटौती की जा रही है. बिजली निगम NGT के आदेशों की धज्जियां उड़ाने का काम कर रहा है. ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-3 तथा 4 के अंतर्गत औद्योगिक इकाइयों में डीजल जेनरेटर का संचालन प्रतिबंधित है. ऐसे में बिजली कटौती के कारण सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्र में स्थित औद्योगिक इकाइयों में हजारों की संख्या में श्रमिकों को खाली बैठना पड़ता है. स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट का काम पिछले पांच साल से चल रहा है मगर ग्रेप के ही दिनों में बिजली निगम को इसके नाम पर पावर कट की याद आती है.
सेक्टर 37 इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली संकट के कारण निर्यात करने वाली इकाइयों को अपने ऑर्डर को समय से पूरा करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से उनकी शिपमेंट बाधित हो रही है. ऐसे में विदेशी बाजार में निर्यातकों की साख भी नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही है. मनमाने ढंग से हो रही बिजली कटौती के कारण औद्योगिक उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है. अब सेक्टर 37 के उद्योपतियों को बिजली संकट से कब तक राहत मिल पाएगी ये तो आने वाला समय ही बताएगा.
Input- Yogesh Kumar