Hanuman Jayanti 2023: साल की पहली हनुमान जयंती 6 अप्रैल 2023, को मनाई जाएगी. जी हां हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है. पहली हनुमान जयंती चैत्र मास में पड़ती है, क्योंकि चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. इसीलिए इस दिन को हनुमान जयंती के रुप में देश में धूम धाम से  मनाया जाता है. वहीं साल की दूसरी हनुमान जयंती दिवाली के पास पड़ती है. यह हनुमान जयंती कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती हैं. इसे विजय के तौर पर मनाया जाता है.


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एक साल में दो हनुमान जयंती क्यों?
पहली हनुमान जयंती जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है. वहीं दूसरी हनुमान जयंती एक तिथि पर विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाई जाती है. मान्यता हनुमान जी ने भगवान श्री राम को रावण पर विजय दिलाने के लिए एक अहम भूमिका निभाई थी. इसलिए कार्तिक मास में दूसरी जयंती मनाई जाती है.


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वहीं इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है. पहली तिथि के अनुसार जब बाल हनुमान ने इस दिन सूर्य को आम समझ कर खाने के लिए दौड़े और आकाश में उड़ने लगे. उसी दिन राहु भी सूर्य पर ग्रहण लगाना था, लेकिन हनुमानजी को देखकर सूर्यदेव ने उन्हें दूसरा राहु समझ लिया. यह दिन चैत्र महीने की पूर्णिमा का दिन था.


अमर होने का दिया था वरदान
दूसरी हनुमान जयंती की कथा के अनुसार सीता मां ने हनुमान जी की भक्ति और समर्पण को देखकर उनको अमर होने का वरदान दिया था. इस दिन नरक चतुर्दशी थी, जो कि दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है. मतलब यह कि चैत्र महीने में हनुमान जी का जन्म हुआ था. चतुर्दशी तिथि पर हनुमानजी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन, स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था.


11 वां रूद्र अवतार 
बता दें कि शिव पुराण के अनुसार हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार माना जाता है. कलयुग में भगवान हनुमान का पूजन करने से ये अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं और शीघ्र उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. इसके साथ ही हनुमान जी के पूजन से ग्रहों की पीड़ा और शनि दोष से भी निजात मिलती है.


Disclaimer- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. ZEE MEDIA इनकी पुष्टि नहीं करता है.