उपचुनाव में कांग्रेस के इस नेता ने नहीं किया था प्रचार, अब शपथ के बाद भव्य पहुंचे आशीर्वाद लेने
हरियाणा विधानसभा में कल भव्य बिश्नोई ने विधायक पद की शपथ ली. इसके बाद विधायक भव्य बिश्नोई कांग्रेसी ताऊ चंद्रमोहन से मिलने गए. उस दौरान चंद्रमोहन ने उनका गले लगाकर अभिवादन किया. वहीं चंद्रमोहन उनके खिलाफ प्रचार करने उपचुनाव में भी नहीं गए.
Chandigarh News: हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव जीत भव्य बिश्नोई ने कल विधायक पद की शपथ ली. इसके बाद वो अपने ताऊ चंद्रमोहन से मिलने पंचकूला स्थित उनके मकान पर गए. इस दौरान उन्होंने अपने ताऊ से आशीर्वाद लिया. वहीं भतीजे को देखते ही चंद्रमोहन ने भव्य को अपनी बाहों में जकड़ लिया है. वहीं उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भी भव्य का परिचय करवाया.
ये भी पढ़ें: BJP का AAP पर एक और वार, 21 सूत्रीय चार्जशीट पेश कर लगाई आरोपों की झड़ी
बता दें कि चंद्रमोहन कुलदीप बिश्नोई के बड़े भाई हैं, जो कि हरियाणा कांग्रेस के बड़े नेता हैं. चंद्रमोहन भजनलाल के परिवार के एकमात्र कांग्रेसी नेता हैं. हालांकि चंद्रमोहन कांग्रेस में होने के बाद भी आदमपुर उपचुनाव से दूर रहे. वो न तो भव्य के समर्थन में आए और न ही उनके खिलाफ प्रचार करने आए. इस चुनाव में उन्होंने राजनीति को दरकिनार का पारीवारिक जिम्मेदारी निभाई. कांग्रेस ने उन्हें स्टार प्रचारक बनाया था, लेकिन वह भतीजे भव्य के खिलाफ प्रचार करने नहीं गए.
चंद्रमोहन हरियाणा के डिप्टी सीएम रह चुके हैं. भजन लाल और कुलदीप बिश्नोई ने हजकां के गठन के समय कांग्रेस छोड़ दी थी, लेकिन चंद्रमोहन कांग्रेस में ही रहे थे. इसके बाद उन्होंने फिजा से निकाह किया, जिस कारण उनकी राजनीति को ग्रहण लग गया. निकाह के कुछ महीने बाद ही उन्होंने फिजा को तलाक दे दिया. इसके बाद उन्होंने हजकां का दामन थामा.
इसके बाद दोनों भाई कुलदीप बिश्नोई और चंद्रमोहन ने 2016 में कांग्रेस में वापसी की. वहीं 2019 में उनके चचेरे भाई और फतेहाबाद के विधायक दूडाराम ने कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली थी. अब 2022 में कुलदीप बिश्नोई ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली है. चंद्रमोहन ही अब भजनलाल परिवार के एकमात्र कांग्रेसी नेता हैं. बता दें कि चंद्रमोहन कुमारी सैलजा गुट के है और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ उनके संबंध कुछ खास नहीं हैं.