Haryana News: आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने सरकारी स्कूलों में बच्चों के नाम कटवाने और सरकारी स्कूलों से बच्चों के हो रहे मोह भंग को लेकर भाजपा और जजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मनोहर लाल सरकार सरकारी स्कूलों को बंद कर देना चाहती है. एक तरफ मर्जर के नाम पर स्कूलों को खत्म करने में लगी है. वहीं दूसरी तरफ बच्चों की संख्या भी लगातार घट रही है. अनपढ़ शिक्षा मंत्री ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का भट्ठा बैठाने का काम किया है.


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उन्होंने कहा कि हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक प्रदेश में 7 से 14 साल के बच्चों में आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रन (OOSC) की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जहां 2021-22 में 19481, 2022-23 में 28,139 बच्चों ने सरकारी स्कूल से अपना नाम कटाया था. वहीं इस साल 31,068 बच्चों ने सरकारी स्कूलों से अपना नाम कटा लिया है. 


उन्होंने कहा कि एक तरफ मनोहर लाल सरकार मर्जर के नाम पर प्रदेश के स्कूलों को बंद करती जा रही है. दूसरी तरफ अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य अंधकार में देखते हुए बच्चों का नाम सरकारी स्कूल से कटवा रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि गुरुग्राम जैसे शहर में 3820, यमुनानगर में 3279, पानीपत में 2922 और पंचकूला में 2269 बच्चों ने सरकारी स्कूलों से अपना नाम कटवा लिया है.


उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों की जर्जर हालत के लिए कोर्ट भी हरियाणा सरकार को फटकार और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगा चुका है. कोर्ट ने कहा था कि हरियाणा सरकार प्लानिंग मोड़ से निकले, एक्टिव मोड में आए और हरियाणा सरकार आंकड़ों का खेल खेलना बंद करे.


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उन्होंने कहा सरकारी स्कूल की हालत इतनी जर्जर है कि स्कूलों में न बेंच हैं, न बिजली है, न टॉयलेट है, न पीने का पानी है, स्कूल में चारदीवारी नहीं है, क्लासरूम नहीं है और न ही शिक्षक है. हरियाणा के सरकारी स्कूलों में करीब 40 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. मनोहर लाल सरकार के राज में हरियाणा के सरकारी स्कूलों में केवल भय का वातावरण है. जिस तरह से बच्चियों के साथ लगातार स्कूल में छेड़छाड़ की खबरें आ रही है और सरकार कोई भी सख्त कार्रवाई नहीं करते दिख रही, उससे भी लोगों का सरकारी स्कूलों से मोह भंग हुआ है.


उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ दिल्ली और पंजाब में प्राइवेट स्कूल छोड़-छोड़कर बच्चे सरकारी स्कूल में एडमिशन ले रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ हरियाणा में बच्चे सरकारी स्कूल छोड़-छोड़कर जा रहे हैं और महंगे होने की वजह से प्राइवेट स्कूल में भी एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मनोहर लाल सरकार बच्चों को अनपढ़ रखना चाहती है. इन सभी बच्चों का भविष्य अंधकार में है.