Kaithal News: हरियाणा सरकार की ओर से 11 दिन 22 जिले एक कार्यक्रम शुरू किया गया है, जिसमें शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा खुद 22 जिलों की स्कूल SMC कमेटी से मुलाकात कर रही हैं. इससे पहले शिक्षा मंत्री तीन दिनों में 6 जिले कवर कर चुकी हैं. इसी कड़ी में शनिवार को कैथल और करनाल के स्कूलों की SMC कमेटी से मुलाकात करेंगी. कैथल के हिंदू कन्या विद्यालय में आज SMC मीटिंग का कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा पहुंची.


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हरिंयाणा शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने कहा कि प्रदेशभर में शिक्षा के सुधारीकरण के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया है. क्योंकि हमें 90 दिन का समय मिला है. इस 90 दिन में हम कितना बेस्ट दे सके. एमसी कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों में जो अपने बच्चों को भेज रहे हैं उनके परिजनों उनके टीचरों से मिलने का मन हुआ और एसएमसी कार्यक्रम से बेहतरीन मुझे मंच नहीं लगा इसलिए इस कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई गई. 


SMC कार्यक्रम का हमने नाम दिया 11 दिन 22 जिले दिल से दिल तक, नजदीक में विधानसभा चुनाव है. मगर यह कार्यक्रम भी काफी महत्वपूर्ण है. दिल से दिल कार्यक्रम में परिजनों और टीचरों की दिल की बात पूछने के लिए कार्यक्रम में पहुंची हूं. एमसी कार्यक्रम में जो सुझाव आएंगे. वह सुझाव को प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का काम करेंगे. उसके साथ कोई सुझाव देश के प्रधानमंत्री के लिए दिया जाएगा तो वहां तक भी पहुंचने का काम करेंगे. इन्हीं की जुबानी हम इस कार्यक्रम में सुनेंगे कि 2014 के बाद क्या बदलाव देखा और अब क्या बदलाव चाहते हैं. 


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शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक सच्ची समस्या कार्यक्रमों में सुनने को मिल रही है कि स्कूलों में चौकीदार नहीं है, बच्चों के अभिभावक ही हमें सुझाव देते हैं कि स्कूल में चौकीदार होने चाहिए. साढे 14 हजार प्रदेशभर में स्कूल चल रहे हैं. शिक्षकों को स्कूल के अतिरिक्त मिलने वाली जिम्मेदारियां पर बोलती हुई शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब किसी को किसी के घर नहीं जाना. सभी कार्य ऑनलाइन हो गए हैं. पोर्टल के माध्यम से ही काम हो रहे हैं. चाहे वह वोटिंग का हो या फिर कोई और काम हो.


सीमा त्रिखा ने कहा कि शिक्षा में सुधार से पहले हमें खुद में सुधार की जरूरत है. अच्छे परिणाम का श्रेय स्कूल के अध्यापकों को भी जाना चाहिए. हरियाणा के सरकारी स्कूलों के बच्चे आज नीट में भी क्वालीफाई हो रहे हैं. जब बच्चा, अभिभावक और गुरु तीनों का समीकरण बेहतरीन होगा तो परिणाम अपने आप बेहतरीन आएंगे. 2019 के बाद एक बड़ी संख्या में बच्चों ने सरकारी स्कूलों से जुड़ाव किया है. आज प्रदेशभर में 25 लाख बच्चे अपनी सेवाएं ले रहे हैं. यह कोई छोटी संख्या नहीं है. कार्यक्रम में अभिभावक खुद मंच से बोलते हुए मिलेंगे कि हमारा बच्चा प्राइवेट स्कूल में था अब हम उसे सरकारी स्कूल में दाखिल करवाया है. यह बढ़ता विश्वास सरकार के प्रति, शिक्षा विभाग के प्रति है. सरकारी स्कूल में बेटियों की सुरक्षा को लेकर कहा कि बेटियों की सुरक्षा सिर्फ स्कूल परिसर में ही नहीं बल्कि स्कूल के रास्ते से लेकर घर तक सरकार सुनिश्चित करती है. 


INPUT: VIPIN SHARMA


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