Haryana Election GK: हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. राज्य में 5 अक्टूबर को मतदान होगा और 8 अक्टूबर को मतगणना होगी. पार्टियों ने आगामी चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है. बीजेपी ने 67 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. वहीं, कांग्रेस ने 31 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. टिकट बंटवारे के बाद कई कहानियां सामने आ रही हैं, लेकिन आज हम आपको हरियाणा के एक ऐसे मुख्यमंत्री की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनके दो बेटों ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था.


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कहानी बंसीलाल की
ये कहानी है हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री बंसीलाल की. ​​26 अगस्त 1927 को संयुक्त पंजाब में जन्मे बंसीलाल हरियाणा के तीन लालों में से एक हैं. दिल्ली की राजनीति हो या हरियाणा की, बंसीलाल का कद हर जगह मजबूत रहा है. बार एसोसिएशन के चुनाव के जरिए राजनीति में कदम रखने वाले बंसीलाल तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने. उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और संजय गांधी का करीबी माना जाता था.


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बेटों ने एक दूसरे के खिलाफ लड़ा चुनाव
साल 1957 में बंसीलाल ने हिसार जिला बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ा और इसके अध्यक्ष बने. बंसीलाल ने कई बार चुनाव लड़े और केंद्र व राज्य सरकारों में अहम जिम्मेदारियां संभालीं. राजनीतिक हलकों में उनका खासा दबदबा था, लेकिन साल 1998 में बंसीलाल के ही दो बेटे एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर गए. दरअसल, बंसीलाल ने अपने छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह को अपनी हरियाणा विकास पार्टी से भिवानी सीट से चुनाव लड़ाया था. कांग्रेस ने इस सीट पर बंसीलाल के बड़े बेटे और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रणबीर महेंद्रा को टिकट दिया था. दोनों भाइयों के बीच अनबन की खबरें पहले से ही थीं. इस घटना ने इसे जगजाहिर कर दिया.


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