Haryana Farmar: हरियाणा के करनाल के किसान धान और गेहूं की फसल के साथ तिलहन और दलहन की फैसले भी ले रहे हैं, जिसमें सरकार भी उनका सहयोग कर रही है. करनाल की सिंघडा गांव के किसान गीता राम और राकेश कुमार ने बताया कि हमने धान गेहूं की फसल के साथ मटर और सरसों की फसल लगाई हुई है. सरसों की फसल कम समय में पकती और अच्छी पैदावार देती है और किसानों को सरकार भी सहयोग दे रही है.


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उन्होंने बताया कि पिछले साल सरसों का 7 हजार के करीब रेट था और हमें अच्छे भाव मिले थे. अबकी बार भी हमें उम्मीद है कि ऐसे ही भाव मिलेंगे. अगर कुछ रेट कम मिलते हैं तो सरकार की तरफ से हमें पूरा सहयोग दिया जाता है, कृषि अधिकारी वजीर सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा सरसों की फसल पर सब्सिडी दी जाती है. सरसों की खेती के लिए किसान मेले लगाए जाते हैं. किसानों को स्प्रे पंप दिए जाते हैं.


किसानों का कहना है कि पहले हम गेहूं और धान की फसल ही बोया करते थे, लेकिन पिछले कई सालों से हम सरसों और मटर की भी फसल लगाने लगे हैं, जिससे हमें काफी मुनाफा हो रहा है और सरकार की तरफ से भी हमें कई तरह की सुविधा दी जा रही हैं. परली प्रबंधन पर भी सरकार ने ट्रैक्टर पर और रीपर पर सब्सिडी दी हुई है, जिसका हमें काफी फायदा हो रहा है. इसीलिए हमने अबकी बार फिर सरसों की फसल लगाई है.


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उन्होंने आगे कहा कि अब तक फसल बहुत अच्छी है अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है और सरकार हमें रेट भी अच्छा दे रही है. पिछले साल हमें बहुत अच्छा रेट मिला था अबकी बार भी उम्मीद है कि हमें अच्छा रेट मिलेगा और सरकार भी हमें पूरा सहयोग दे रही है सरसों की फसल तीन महीने में पैक कर तैयार हो जाती है जिससे मैं हम अगली फसल की भी बुवाई कर सकते हैं.

कृषि अधिकारी वजीर सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा सरसों की फसल पर सब्सिडी दी जाती है. वहीं उन्होंने बताया जो सरसों की एम एस पी है वह 5650 रुपये है, लेकिन पिछले दो सालों से 7 हजार से ऊपर सरसों बिक रही है किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है और यह छोटे समय की फसल है और इस पर खर्च भी बहुत काम आता है. हरियाणा सरकार द्वारा एसपी पर परचेस की जा रही है जो भी फासले हैं उन पर हरियाणा सरकार एमएसपी पर खरीद करती है और किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यूरो पर अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करें.


(इनपुटः कमरजीत सिंह विर्क)