Haryana News: सोनीपत के कामी रोड पर शुगर मिल के सामने किसानों की 40 एकड़ से ज्यादा फसल गंदे पानी में डूब गई. ड्रेन 6 की सफाई न होने से ओवरफ्लो के कारण खेतों में पानी भर गया. किसानों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा किसान भुगत रहे हैं. खेतों में गंदा पानी जमा होने की वजह से पशुओं के लिए चारे की किल्लत हो गई है. उनका कहना है कि खराब हुई फसल को लेकर प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिलता है और ना ही ड्रेन की सफाई के कार्य की तरफ ध्यान दिया जाता है. समाधान न होने के कारण किसानों ने ऐलान किया है कि रोड को जाम किया जाएगा.


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किसानों के खेतों में घुसा ड्रेन नंबर 6 का गंदा पानी 
सोनीपत के कामी रोड पर शुगर मिल के सामने किसानों की 40 एकड़ से ज्यादा फसल जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण जलमग्न हो गई. किसानों के खेतों में ड्रेन नंबर 6 का गंदा पानी घुस गया, जिसके वजह से सारी फसल तबाह हो गई. किसानों का कहना है कि हर बार गंदा पानी खेतों में घुस जाता है. इस संबंध में कई बार शिकायत की जा चुकी है. यहां तक की ग्रीवेंस की मीटिंग में भी कई बार इस मुद्दे को उठाया जा चुका है. इस बारे में प्रशासन को भी निर्देश दिए गए थे कि किसानों की समस्या का समाधान करवाया जाए, लेकिन किसानों की समस्या का अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है. गंदा और केमिकल युक्त पानी किसानों की खेतों में चला जाता है. जिसके चलते गेहूं की फसल नहीं हो पाएगी. वहीं किसानों का ये भी कहना है कि खेतो में जो भी फसल बोई जाती है वह बर्बाद हो जाती है. किसानों ने कुछ दिन पहले ही गेहूं की बिजाई की थी. अब ड्रेन नंबर 6 ओवर फ्लो होने के कारण सभी किसानों के खेत जलमग्न हो गए हैं. खेतों में तीन से चार फीट पानी जमा हो गया है. पशुओं के लिए चारे की किल्लत पैदा हो गई है. 


प्रशासन नहीं ले रहा कोई एक्शन 
किसानों ने यह भी बताया कि उनके खेत ड्रेन नंबर 6 से कई फुट ऊंचे हैं. इसके बावजूद उनके खेत हर साल जलमग्न हो जाते हैं. प्रशासन को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन प्रशासन है कि किसी प्रकार का कोई सुध नहीं लेता है. हर बार की तरह उनकी खेती बर्बाद हो जाती है.  बर्बाद हुई फसल का उनको कोई मुआवजा भी नहीं मिलता है और ना ही प्रशासन इसपर कोई एक्शन लेता है. किसानों ने यह भी ऐलान किया है कि अगर प्रशासन द्वारा समाधान नहीं किया गया तो सड़क जाम किया जाएगा. 


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गंदे पानी की वजह से गेहूं, सरसों और जौ की फसल बर्बाद 
सूबेदार आनंद सिंह का कहना है कि उनके पास आय का कोई दूसरा साधन नहीं है. उनक पस बोने खाने के लिए और कोई जमीन भी नहीं है. इसी जमीन पर पिछले 7 साल से लगातार गंदा पानी भर रहा है. प्रशासन के दरवाजे पर अपना दुखड़ा रोकर थक चुके हैं. अभी तक पानी निकासी का कोई प्रबंध नहीं हुआ है. वहीं उन्होंने कहा कि अगर समय रहते हुए निकासी हो भी जाती है तो फसल खाने लायक नहीं बचेगी. यहां तक की वो फसल पशुओं तक को नहीं डाला जा सकता है. ऐसी फसल किसी काम की नहीं है.  किसानों ने बताया कि गेहूं, सरसों और जौ की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. साथ ही पशुओं के लिए चारा खत्म हो चुका है.


Input- Sunil Kumar