Haryana News: हरियाणा में बेरोकटोक बना सकेंगे पार्किंग समेत 5 मंजिला घर, सरकार ने स्टिल्ट प्लस 4 मंजिला बिल्डिंग से रोक हटाई
Haryana News: स्टिल्ट प्लस चार मंजिल भवनों के निर्माण को पहले सरकार ने मंजूरी दी थी, लेकिन बाद में इस पर कुछ लोगों ने एतराज जताया. पूर्व सीएम ने विधानसभा में एक कमेटी गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर अब एक बार फिर स्टिल्ट प्लस चार मंजिल भवनों के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है.
Haryana News: हरियाणा के लोगों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने स्टिल्ट प्लस 4 मंजिल भवनों के निर्माण को मंजूरी दे दी है. हरियाणा के वित्त और नगर एवं योजना विभाग के मंत्री जेपी दलाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात की जानकारी दी. जेपी दलाल ने कहा कि स्टिल्ट प्लस चार एक महत्वपूर्ण मुद्दा था, सरकार ने पहले इसकी अनुमति दी थी, लेकिन बाद में इस पर कुछ लोगों ने एतराज जताया. पूर्व सीएम ने विधानसभा में एक कमेटी गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर अब एक बार फिर स्टिल्ट प्लस चार मंजिल भवनों के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है. हालांकि, इसके लिए कुछ शर्त भी निर्धारित की गई हैं.
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स्टिल्ट प्लस 4 फ्लोर क्या है?
स्टिल्ट प्लस 4 फ्लोर वह इमारत है, जिसमें स्टिल्ट फ्लोर होता है, जो जमीन से ऊपर उठा होता है. इसके अलावा चार और फ्लोर होते हैं. स्टिल्ट फ्लोर का इस्तेमाल आमतौर पर पार्किंग के लिए किया जाता है. वहीं 4 मंजिलों का इस्तेाल रिहायशी या व्यवसायिक उद्देश्य से किया जाता है.
स्टिल्ट प्लस चार मंजिल भवनों के निर्माण के लिए जरूरी शर्तें-
1. स्टिल्ट +4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति उन कॉलोनियों/सेक्टरों में स्थित आवासीय भूखंडों के लिए दी जाएगी, जिनका लेआउट प्लान प्रति प्लॉट चार आवासीय इकाइयों के साथ अप्रूव है.
2. एस +4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति पहले से ही लाइसेंस प्राप्त DDJAY कॉलोनी में भी दी जाएगी. यदि प्रति प्लॉट चार आवासीय इकाइयों के लिए संशोधित हो.
3. स्टिल्ट +4 मंजिलों के निर्माण की अनुमति उन कॉलोनियों/सेक्टरों में भी दी जा सकती है, जिनका लेआउट प्लान प्रति प्लॉट तीन आवासीय इकाइयों के साथ अनुमोदित है, लेकिन केवल ऐसे आवासीय भूखंडों के लिए जो 10 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़क से सुगम्य हैं.
4. 250 वर्ग मीटर से अधिक माप वाले भूखंडों के लिए PDR (पीडीआर) की दरें नियम के अनुसार बढ़ाई जाएंगी.
5. ऐसे मामले जहां एचएसवीपी द्वारा प्लॉट की नीलामी अंतर्निहित Purchasable एफएआर के साथ की जा चुकी है और जो ऊपर वर्णित अनुच्छेद 1 या 3 के अंतर्गत आते हैं. वे या तो स्टिल्ट 4 मंजिलों का निर्माण आवंटन की शर्तों के अधीन कर सकते हैं जिनका संशोधन अनुच्छेद 3 (क) या 3(ख) के अनुसार या प्रतिदाय की मांग कर सकते हैं.
जहां मालिक एस +4 मंजिलों का निर्माण नहीं करने का विकल्प चुनता है और PDR (पीडीआर) का पूरा लाभ नहीं उठाता है, ऐसे अप्रयुक्त पीडीआर की गणित राशि का रिफंड 8% ब्याज सहित के अनुरोध के लिए आवेदन की तिथि तक पात्रता होगी, जो इस संबंध में आदेश जारी करने की तिथि से 60 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए.
यदि मामला ऊपर वर्णित अनुच्छेद 1 या 3 में नहीं आता है, तो आवंटी 8% ब्याज के साथ भुगतान की गई पूरी नीलामी राशि की वापसी के लिए पात्र होगा, जो इस संबंध में आदेश जारी करने की तिथि से 60 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए.
उदाहरण के रूप में, गुरुग्राम में स्थित 600 वर्ग मीटर के एक भूखंड के लिए, जिस पर आधार एफ.ए.आर. 1.2 है और पीडीआर के साथ अधिकतम स्वीकार्य एफएआर 2.4 तक है, लेकिन, आवंटी 1.9 का एफएआर प्राप्त करने में सक्षम है, तो शेष अप्रयुक्त एफएआर 0.5, यानी 300 वर्ग मीटर के लिए, आवंटी निम्नलिखित के अनुसार गणना की गई राशि के प्रतिदाय के लिए पात्र होगा. शेष अप्रयुक्त एफएआर (वर्ग मीटर में) को प्लॉट आकार के लिए पीडीआर (रुपये प्रति वर्ग मीटर में) उस क्षेत्र में जिसमें प्लॉट स्थित है की लागू निर्धारित दर से गुणा किया जाता है. तदनुसार, यदि प्लॉट गुरुग्राम (हाइपर पोटेंशियल जोन) में स्थित है, तो वापसी योग्य राशि 24,21,000/- रुपये होगी और यदि प्लॉट पानीपत (हाई पोटेंशियल कोन) में स्थित है, तो गसी योग्य राशि 14,53,500/- रुपये होगी.
6. क्रम संख्या 3 के अंतर्गत आने वाले भूखंडों के लिए- बेसमेंट मंजिल का निर्माण और सार्वजनिक दीवार पर भार का स्थानांतरण उन भूखंडों पर नहीं किया जाएगा, जहां S+4 निर्माण की अनुमति है.
7. सभी सेक्टरों/कॉलोनियों के आधारभूत सरचना में वृद्धि, जहां भी आवश्यक हो, संबंधित
एजेंसियों द्वारा एरा+4 योजनाओं के अनुमोदन के विरुद्ध एकत्रित 1178.95 करोड़ रुपये की आईएसी निधि से तुरंत की जाएगी. ये निधियां तत्काल आधार पर एचएसवीपी को जारी की जाएंगी, जो
प्राथमिकता और निष्पादन के लिए नोडल कार्यालय होगा और उसके बाद मासिक आधार पर उपार्जन के आधार पर जारी की जाएंगी.
8. प्रत्येक विभाग एस +4 मामलों से संबंधित मुद्दों के निपटान और समय-समय पर एस +4 मंजिलों से संबंधित अनुमतियों सहित विभिन्न सूचनाओं को अपलोड करने के लिए एस +4 पोर्टल स्थापित करेगा.
9. संबंधित एजेंसियां/विभाग/प्राधिकरण सभी शिकायतों के समाधान के लिए शिकायत निवारण समितियों का गठन करेंगे और एस +4 मंजिलों के निर्माग के संबंध में संरचनात्मक क्षति, पार्किंग की समस्या, बुनियादी ढांचे के मुद्दों आदि से संबंधित सभी मामलों के लिए भूखंड मालिकों को सहायता प्रदान करेंगे. सभी शिकायतों का निपटारा एस +4 पोर्टल पर किया जाएगा.
10. स्टिल्ट क्षेत्र के आवरण की पद्धति को समाप्त करने के लिए, भविष्य में भवन योजना को मंजूरी देते समय और/या कब्जा प्रमाण पत्र प्रदान करते समय, एक शर्त लगाई जाएगी कि यदि स्टिल्ट क्षेत्र में पुर्णतः या आंशिक रूप से आवरण हुआ तो भवन योजना की मंजूरी और/या कब्जा प्रमाण पत्र का अनुमोदन वापस ले लिया गया माना जाएगा.
11. ऐसे सभी मामलों के लिए जहां आज तक भवन योजनाओं की मंजूरी के बिना एस+4 निर्माण किया गया है, उनके लिए मानक संचालन प्रक्रियातैयार की जाएगी.
Input- Vijay Rana