MBBS छात्रों के प्रदर्शन बीच Haryana सरकार का फैसला, बॉन्ड पॉलिसी मे किया बदलाव
Haryana News: रोहतक पीजीआई के MBBS छात्र सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने MBBS बॉन्ड पॉलिसी में बदलाव किया है.
नई दिल्ली: हरियाणा के रोहतक पीजीआई के MBBS छात्र पूरे प्रदेश मे बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने एमबीबीएस बॉन्ड पॉलिसी में बदलाव किए हैं.
हरियाणा सरकार ने 7 नवंबर को गैजेट नोटिफिकेशन जारी करते हुए बॉन्ड पॉलिसी में संशोधन किए है. नई नोटिफिकेशन के तहत एमबीबीएस में प्रवेश के समय किसी भी बॉन्ड राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा. अगर चयनित होने पर हरियाणा सरकार में सेवा को विकल्प नहीं चुनते हैं तो यह बॉन्ड एमबीबीएस पाठ्यक्रम के अंत में लागू किया जाएगा.
छात्रों ने मिला FORDA का समर्थन
छात्रों सरकार से बॉन्ड पॉलिसी वापस लिए जाने के लिए लिखित आश्वासन की मांग कर रहे थे. रोहतक के PGI के MBBS के छात्रों को दूसरे मेडिकल कॉलेज के साथ डॉक्टर्स का भी समर्थन मिला. साथ ही इन छात्रों को फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) का भी समर्थन मिला. जिसके बाद हरियाणा समेत दिल्ली के डॉक्टर्स भी अस्पताल में हाथों में काली पट्टी बांधकर काम करते हुए नजर आए.
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रोहतक समेत कई जगह हुआ प्रदर्शन
रोहतक PGI के MBBS छात्रों के प्रदर्शन के बाद दूसरे पीजीआई के एमबीबीएस स्टूडेंट भी सरकार की बॉन्ड पॉलिसी का विरोध किया. सोनीपत के गोहाना में खानपुर महिला मेडिकल कॉलेज की छात्राएं भी बॉन्ड पॉलिसी को वापस करवाने की मांग को लेकर हड़ताल की. छात्राओं का कहना था कि सरकार बॉन्ड पॉलिसी को वापस ले और रोजगार की गारंटी दे, तो वह अपनी हड़ताल को तुरंत वापस ले सकती हैं.
MBBS छात्रों ने क्यों किया प्रदर्शन
हरियाणा सरकार ने नई बॉन्ड पॉलिसी को लागू किया था. जिसमें MBBS के छात्रों को हर साल 9.20 लाख रुपए जमा करवाने और 80 हजार रुपए फीस लिया जाना था. उस बॉन्ड पॉलिसी के तहत MBBS के सभी छात्रों को सालाना 10 लाख रुपये और 4 सालों में 40 लाख रुपये जमा करवाने थे. छात्रों ने इस बॉन्ड पॉलिसी को वापस लेने के लिए इसका विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों का यह प्रदर्शन लगभग 8 दिनों से जारी था, जो कि अब खत्म हो जाएगा.