भ्रष्टाचारी को पकड़ने के लिए हरियाणा सरकार खुद देगी पैसे, ट्रैप मनी से जाल में फसेंगे अधिकारी
रिश्वत के पैसे दिने के लिए सरकार ट्रैप मनी के रूप में 1 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड बनाएगी. इसकी मदद से सरकार पीड़ित को पैसे देकर भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ेगी. साथ ही इससे राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों में काफी कटौती होगी.
Chandigarh News: भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए हरियाणा सरकार ने एक अनोखी पहल शुरू की है. इसमें अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी रिश्वत मांगता है. वहीं अगर पीड़ित के पास रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं हैं तो उसे सरकार पैसे देगी. मनोहर सरकार रिश्वत की मांग करने वाले सरकारी अधिकारियों को पकड़वाने के लिए ट्रैप मनी के रूप में 1 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड बनाएगी. सरकार ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस योजना को जल्द ही राज्य में लागू किया जाएगा.
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बता दें कि अभी हरियाणा में किसी भ्रष्ट अधिकारी को पकड़वाने के लिए पीड़ित को ही पैसे का इंतजाम करना पड़ता है. वहीं कई बार पीड़ित पैसों का जुगाड़ नहीं कर पाता है तो विजिलेंस को अधिकारियों को ट्रैप करने में परेशानी होती है. वहीं अगर ट्रैप मनी फंड बनने के बाद रिश्वत के पैसे के लिए पीड़ित को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी.
ट्रैप मनी फंड को लेकर राज्य सतर्कता ब्यूरो के महानिदेशक ने कहा कि यह भ्रष्टाचार को समाप्त करने में मील का पत्थर साबित होगा. इससे ब्यूरो को भ्रष्टाचारियों को पकड़ने में काफी मदद मिलेगी. वहीं उन्होंने बताया कि सरकार ने प्रस्ताव मंजूर कर लिया है, जल्द ही इसे लागू भी कर दिया जाएगा
वहीं 2022 में अब तक स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने 143 भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए. इन केसों की जांच के बाद राज्य के 150 भ्रष्ट अधिकारियों की गिरफ्तारी की गई. इन अधिकारियों में ग्रेड A और B के लोग बड़ी संख्या में शामिल हैं. वहीं भ्रष्टाचारी अधिकारियों को पकड़वाने के लिए स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की ओर से फोन नंबर भी जारी किए हैं. वहीं विजिलेंस ने कुछ टोल फ्री नंबर भी जारी किए हैं. आप 1800-180-2022 और 1064 और व्हाट्सएप नंबर 094178-91064 पर भ्रष्टाचार से संबंधित अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
अगर कोई भी व्यक्ति किसी भ्रष्टाचारी अधिकारी में विजिलेंस की टीम को जानकारी देता है तो हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो उसे सम्मानित करता है. वहीं शिकायतकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए सम्मान पत्र देना शुरू किया गया है. बता दें कि यह व्यवस्था ब्यूरो की तरफ से की गई है. वहीं जो व्यक्ति अपनी पहचान छिपाना चाहता है तो टीम उसमें भी सहयोग कर रही है.