Hathnikund Barrage Dam: जुलाई महीने में राजधानी दिल्ली में यमुना के जलस्तर 208.65 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से 3.32 मीटर ज्यादा है. इससे पहले साल 1978 में यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर दर्ज किया गया था. यमुना के बढ़े जलस्तर की वजह से दिल्ली के कई इलाके जलमग्न हो गए, लोगों को अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी. वहीं बाढ़ पर सियासत भी देखने को मिली, प्रदेश की AAP सरकार ने दिल्ली की बाढ़ के लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार बताया. जिसके बाद अब हरियाणा सरकार इसका स्थायी समाधान निकालने पर विचार कर रही है. 


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क्या है पूरा मामला
जुलाई महीने में राजधानी दिल्ली में बाढ़ का सितम देखने को मिला. दरअसल, पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी की वजह से हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर बढ़ गया. जिसके बाद  हथिनीकुंड बैराज के पानी को यमुना में डायवर्ट किया गया और दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ आ गई. AAP ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया कि साजिश के तहत केवल यमुना नदी में पानी डायवर्ट किया गया, जिसकी वजह से दिल्ली में बाढ़ आ गई. 


हथिनीकुंड बैराज पर बनेगा बांध
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा सरकार हथिनीकुंड बैराज पर बांध बनाने की योजना बना रही है. 6,134 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस बांध को हरियाणा के यमुनानगर जिले में बनाया जाएगा, जो कि हथिनीकुंड बैराज से 4.5 किलोमीटर ऊपर की तरफ होगा. ये बांध हरियाणा के साथ ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा से भी लगा होगा. इसकी कुल क्षमता 10.82 लाख क्यूसेक होगी, जिससे दिल्ली और हरियाणा में बाढ़ का खतरा कम हो जाएगा. 


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हरियाणा सरकार का पूरा प्लान
मिली जानकारी के अनुसार, इस बांध को बनाने के लिए राष्‍ट्रीय राजमार्ग-73 के 11 किलोमीटर लंबे हिस्से को स्थानांतरित किया जाएगा. इसके साथ ही आस-पास के 09 गांव भी इसकी वजह से विस्थापित किए जाएंगे. क्योंकि बांध बनने के बाद एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा. 


बांध बनने से होंगे ये फायदे
हरियाणा सरकार के प्लान के अनुसार, अगर हथिनीकुंड बैराज में बांध बनकर तैयार हो जाता है तो राज्य को इसके कई फायदे भी मिलेंगे. इससे बिजली उत्पादन, सिंचाई के लिए पानी, ग्राउंड वाटर में बढ़ोतरी सहित कई लाभ होंगे.