चंडीगढ़: हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज अपने यहां लगने वाले जनता दरबार और जनसमस्याओं के त्वरित निपटारे के लिए जाने जाते हैं. इसी कड़ी में एक बार फिर अनिल विज ने काम लापरवाही बरतने वाले पोलिकर्मियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है. गुरुग्राम, फरीदाबाद और यमुनानगर समेत कई जिलों में 372 जांच अधिकारियों (IO) को निलंबित करने के निर्देश जारी किए गए हैं. 


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अनिल विज ने सोमवार को इस बारे में पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखा है. उन्होंने बताया कि इससे पहले गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को 11 मई 2023 को पत्र लिखकर सूचना भी मांगी गई थी. प्रदेश के जिन विभिन्न जिलों में 372 जांच अधिकारी को निलंबित किया गया है, उनमें गुरुग्राम में 60, फरीदाबाद 32, पंचकूला में 10, अंबाला में 30, यमुनानगर में 57, करनाल में 31, पानीपत 3, हिसार 14, सिरसा में 66, जींद में 24, रेवाड़ी 5, रोहतक में 31 और सोनीपत में 9 आईओ हैं.


3000 से ज्यादा मामलों पर नहीं हुई कार्रवाई 
पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र के अनुसार अनिल विज ने बताया है कि प्रदेश में दर्ज एफआईआर के शीघ्र निस्तारण के लिए उन्होंने कई बार कहा. पिछले महीने उन्होंने आदेश दिया था कि उन सभी आईओ से स्पष्टीकरण मांगा जा, जिन्होंने एक वर्ष में एफआईआर का निपटारा नहीं किया है. इन मामलों की संख्या बहुत अधिक थी, जो लगभग 3229 से ऊपर हैं.


अनिल विज ने कहा है कि उनके निर्देश के बावजूद 372 आईओ ऐसे हैं, जिन्होंने मामलों का अंतिम रूप से निपटारा नहीं किया है और उनके द्वारा बताए कारण संतोषजनक नहीं हैं. जांच अधिकारियों ने शिकायतों का निपटारा करने के बजाय पीड़ितों को एक जगह से दूसरी जगह तक भटकने पर मजबूर किया. 


यह बेहद गंभीर मामला है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. गृहमंत्री ने पत्र में कहा है कि इन सभी जांच अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर दिया जाए और उनके मामलों को एक महीने में अंतिम निपटान के लिए संबंधित डीएसपी को स्थानांतरित कर दिया जाए अन्यथा उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.


इनपुट : विजय राणा