Rain Basera: सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है और सरकार प्रशासन के माध्यम से रैन बसेरे का इंतजाम करती है ताकि रात को आने वाला यात्री या वो लोग जिनके पास घर नहीं है और सड़कों पर सोते हैं वह लोग रात को रैन बसेरों में सो जाएं, ताकि उनको ठंड की वजह से किसी परेशानी का सामना न करना पड़े. पूर्व की सरकार में लगभग 10 साल पहले कैथल के सिरटा रोड पर एक बिल्डिंग का निर्माण किया गया था, जिसे रैन बसेरा का नाम दिया गया था. यह बस अड्डे से लगभग 5 किलोमीटर दूर है और पूरी तरह से सुसज्जित रैन-बसेरा बनाया गया था, लेकिन आज इसकी हालत बद से बदतर है.


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गेट पर लटका है ताला
इसका कोई प्रबंधक नहीं है गेट पर काला लटका हुआ है, जाली टूटी होने की वजह से कोई भी अंदर जा सकता है. जब जी मीडिया ने इस रैन बसेरे का दौरा किया तो हमने देखा कि गेट पर ताला है और हम टूटी हुई जाली से अंदर गए. अंदर गंदगी का आलम था. फर्श पर सांप पड़ा हुआ था टॉयलेट पूरी तरह गंदी थी. लाइट का कनेक्शन उपलब्ध नहीं है पानी की कोई व्यवस्था नहीं है ना ही कोई रजाई गद्दे देखने को मिले. फिर यह किस तरह का रैन बसेरा है. हर बार जब भी मीडिया इसकी आवाज उठाती है, तब जाकर इस रैन बसेरे में मामूली प्रबंध किए जाते हैं.


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बिखरा पड़ा है रैन बसेरा
हम जब वहां पर पहुंचे तो हमने देखा रैन बसेरा के ग्राउंड में शहर की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां खड़ी हैं, जिनकी कुछ मैकेनिक रिपेयर कर रहे हैं, जब हमने कुछ कूड़ा उठाने वाले लोगों से बात की तो उनका कहना था कि हम सुबह 5 से 6 बजे तक कूड़ा उठाने के लिए गाड़ियां यहां से लेने आते हैं. अब सर्दी का मौसम है तो गांव से आना मुश्किल होता है और रात के समय भी धुंध और सर्दी की वजह नहीं जा पाते. अगर यह रैन बसेरा शुरू हो जाए तो हम रात को यहां ठहर सकते हैं ताकि हम शहर के लोगों के उठने से पहले शहर का कूड़ा उठा दें, लेकिन इस रैन बसेरे की हालत पूरी तरह से बदहाल है. प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और यहां पर अगर किसी यात्री को रुकना पड़ जाए तो उसके लिए कोई इंतजाम नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार से अपील है कि जल्द ही इस सुसज्जित बने हुए रैन बसेरे को साफ सफाई करके और उसके इंतजाम पूरे किए जाएं ताकि यह आमजन के काम आ सके.


लोगों के लिए नहीं है इंतजाम
इसकी अधिक जानकारी के लिए हमने इस वार्ड के पार्षद से बात की तो इनका कहना था कि प्रशासन इस रेन बसेरा पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. हमने कई बार आवाज अधिकारियों तक पहुंचाई है. अब हम भी मीडिया के माध्यम से सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं. इस रैन बसेरे को जल्द शुरू किया जाए ताकि लोग ठंड की वजह से न मारे. साथ ही जो जिन यात्रियों को बाहर दूसरी जगह जाना है और कनेक्टिविटी नहीं है वह भी यहां पर रात को जाकर ठहर सके.


इनपुट- विपिन शर्मा