विपिन शर्मा/कैथल: कैथल जिले के गांव सजुमा में 27 नवंबर को हुए विवाद का मामला अब डीसी दरबार पहुंच गया है. इस बीच आज ग्रामीणों ने डीसी कैथल से मिल इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की गुहार लगाई. वहीं डीसी से मिलने आए ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर पुलिस कार्यप्रणाली पर भी कई सवाल खड़े किए. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस दूसरे पक्ष के लोगों के साथ मिली हुई है. इसलिए इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर रही. ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि पुलिस इस घटनाक्रम के 4 घंटे बाद पहुंची जब तक गांव में काफी खून खराबा हो चुका था. वहीं लोगों का कहना है कि सीएम ऑफिस से एसपी को फोन आने के बाद पुलिस हरकत में आई है.


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ग्रामीणों का कहना सोची-समझी साजिश
ग्रामीणों का कहना है कि इस पूरे मामले को एक संयोजित तरीके से रचा गया था, जिसके चलते कुछ दिन पहले कुछ शरारती तत्व एक गाड़ी में लाठी गंडासी लेकर आए थे. ताकि इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया जा सके. इसके सबूत के तौर पर उनके पास एक वीडियो भी है, जिसमें एक शख्स एक गाड़ी से हाथों में गंडासियां लेकर जाता दिख रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि इस पूरे मामले में पुलिस दूसरे पक्ष की सहायता कर रही है और उनकी कोई भी सुनवाई नहीं कर रही. इसलिए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और सरकार से इस मामले को देख रहे थाना कलायत के एसएचओ और डीएसपी को बदलने की भी मांग की है.


इस पूरे मामले को लेकर आज डीसी कैथल से मिले ग्रामीणों ने चेतावनी भी दी है कि यदि जल्द ही उनकी सुनवाई नहीं होती तो वह गांव से पलायन कर जाएंगे. इसकी जिम्मेवारी पुलिस विभाग की होगी.


पुलिस पर महिलाओं ने लगाया ये आरोप
वहीं गांव की महिलाओं का कहना है कि इस पूरे मामले में पुलिस द्वारा गलत तरीके से उनके घर में घुसकर उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि उनका इस पूरे मामले में कोई भी रोल नहीं है. डीसी से मिलने आई महिलाओं ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जिला प्रशासन से और सरकार से गुहार लगाई है.


वहीं इस मामले पर जानकारी देते हुए कैथल के एसपी मकसूद अहमद ने बताया की 27 नवंबर को गांव से सजूमा में चुनावी नतीजे आने के बाद जो दोनों पक्षों के बीच झगड़ा हुआ था. इसमें पुलिस कर्मचारियों को भी चोटें आई थी. उस संदर्भ में पुलिस ने एक मुकदमा दर्ज किया था, जिसमें अब तक कुल 21 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे भी कार्रवाई चल रही है. 


इसके बाद कल दोनों पक्षों की तरफ से शिकायत की गई थी, जिसमें दोनों पक्षों के खिलाफ एक-एक मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं घायल या पीड़ित व्यक्ति अगर उनकी तरफ से कोई भी शिकायत देगा तो आगे भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की कड़ी जाएगी.


इस मामले में एसपी ने बताया कि आज दोनों पक्ष अपनी तरफ से बात रखने के लिए डीसी व उनसे मिलने आए थे. जिसमें पुलिस और जिला प्रशासन की आपस में दोनों पक्षों के साथ मीटिंग हुई और दोनों पक्षों से बातचीत के माध्यम से इस मामले को निपटाने की अपील की है. इसके साथ ही इस पूरे मामले की जांच के लिए डीएसपी सुनील कुमार के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय एसआईटी का भी गठन किया गया है, जो इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेगी. इसके साथ ही एसपी मकसूद अहमद ने ग्रामीणों से गांव में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील भी की है. साथ ही गांव में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए कुल 100 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. 50 कर्मी रात में और 50 दिन में तैनात रहेंगे.