Gurugram News: गुड़गांव के निजी स्कूलों में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब सुरक्षा मानकों पर खरी न उतरने वाली स्कूल बसों पर जिला उपायुक्त के नेतृत्व में कार्रवाई की गई. जिला उपायुक्त द्वारा टीमें बनाकर जब जांच शुरू की गई तो दर्जनों बसें सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी की पालना करते नहीं मिले. ऐसे में जिला प्रशासन ने दर्जनों बसों को जब्त कर दिया है. इसके अलावा कई स्कूल बसों के चालान भी काटे गए हैं. वहीं, जिला उपायुक्त ने साफ कर दिया है कि अगर स्कूल में छात्रों को निजी कैब से भेजा गया तो उसके लिए स्कूल प्रबंधन पर ही कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश भी संबंधित विभाग को भेज दी जाएगी.


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 कनीना में स्कूल बस पेड़ से टकराई थी बस
दरअसल, दो दिन पहले महेंद्रगढ़ के कनीना में स्कूल बस पेड़ से टकराकर पलट गई थी. इस घटना में छह छात्रों की मौत होने के साथ ही दर्जनों छात्र घायल हो गए थे, जिन्हें महेंद्रगढ़ सहित गुड़गांव व अन्य जिलों के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. शुरुआती जांच के दौरान सामने आया था कि ड्राइवर शराब पीकर बस चला रहा था, जिसके कारण यह हादसा हुआ है. इस घटना के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई और प्रदेश के सभी स्कूलों की बसों की जांच करने के निर्देश जारी किए. इसके बाद सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के मानकों की जांच करने के लिए जिला प्रशासन ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की टीमें गठित कर स्कूल बसों की जांच करनी शुरू कर दी है. शुक्रवार शाम से शुरू हुई जांच के दौरान कई स्कूलों की बसों में सीसीटीवी कैमरे बंद मिले. इसके अलावा कई बसों में फर्स्ट एड बॉक्स जंग खाते मिले हैं. वहीं, कई अन्य खामियां भी स्कूल बसों में मिली हैं, जिसके बाद जिला प्रशासन ने सख्त तेवर दिखाते हुए बसों के चालान करने सहित उन्हें जब्त करने की कार्रवाई की है.


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सोमवार से टीमें हर स्कूल की जांच करेंगी
जिला उपायुक्त की मानें तो सोमवार से यही जांच टीमें हर स्कूल की जांच करेंगी और देखेंगी कि किन-किन वाहनों से छात्र स्कूल आते हैं. ऐसे में उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिनमें छात्र निजी कैब से स्कूल आते हैं. ऐसे में स्कूल अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते. ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने के लिए संबंधित बोर्ड को सिफारिश की जाएगी. वहीं, गुड़गांव में भर्ती घटना के घायल छात्रों के अभिभावकों से अस्पताल द्वारा बिल भरवाए जाने के मामले में भी जिला उपायुक्त ने संज्ञान लिया है. जिला उपायुक्त ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि जमा कराए गए बिल को वापस किया जाए. जिला उपायुक्त ने कहा कि जब अभिभावक छात्रों को लेकर अस्पताल पहुंचे थे तो उन्होंने एडवांस पेमेंट जमा कराई थी. इसके बाद जब हरियाणा सरकार ने छात्रों का इलाज खर्च वहन करने की बात कही थी. आज जब यह मामला संज्ञान में आया तो जिला उपायुक्त ने अभिभावकों की पेमेंट रिफंड करने के आदेश दिए.


इनपुट- योगेश कुमार