Haryana News: केएमपी एक्सप्रेस वे के साथ-साथ बनने वाले हरियाणा रेल कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा बढ़वाने की मांग को लेकर किसानों ने एक बार फिर से बहादुरगढ़ में महापंचायत आयोजित की. इस महापंचायत में किसानों और सरकार के बीच आपसी सहमति बन गई है. प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को 21 दिन के अंदर उनकी जमीनों का बढ़ा हुआ मुआवजा देने का आश्वासन दिया है. हालांकि यह मुआवजा आर्बिट्रेशन के तहत किसानों को मिलेगा. इस पर किसानों ने भी अपनी सहमति जता दी है. मगर किसानों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर 21 दिन के अंदर उनकी अधिग्रहित जमीन का मुआवजा सरकार ने नहीं दिया तो एक बार फिर से महापंचायत बुलाएंगे और उस पंचायत में कड़ा फैसला लेंगे. किसानों ने समगोत्र विवाह के विरुद्ध कानून बनाने के लिए 1 सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की भी मांग की है.


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मुआवजा बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन
केएमपी एक्सप्रेस वे के साथ-साथ बनने वाले हरियाणा ऑर्बिटल रेल कोरिडोर के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा बढ़वाने को लेकर किसानों और सरकार के बीच चला रहा है गतिरोध अब समाप्त होने जा रहा है. बहादुरगढ़ के आसौदा गांव में बुलाई गई किसानों की महापंचायत में झज्जर जिले के डीसी शक्ति सिंह ने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी जमीनों का मुआवजा 21 दिन के भीतर दे देगी, लेकिन यह मुआवजा आर्बिट्रेशन के तहत दिया जाएगा. किसानों ने इस पर सहमति जताई और सरकार को 21 दिन का समय भी दे दिया. 


21 दिनों के अंदर समाधान
इसके बावजूद किसान नेता रमेश दलाल ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 21 दिन के भीतर किसानों की जमीनों का मुआवजा सरकार ने नहीं दिया तो वे एक बार फिर से महापंचायत बुलाएंगे उस पंचायत में कड़े फैसले लिए जाएंगे. इसके साथ ही किसान नेता रमेश दलाल ने हरियाणा सरकार से सम गोत्र विवाह के विरुद्ध कानून बनाने की मांग की है और इस दिशा में किसान प्रतिनिधि मंडल की एक मुलाकात 1 सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से करवाने की मांग की गई है. प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मांग पर मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय दिलवाने का आश्वासन किसानों को दिया है. किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि समगोत्र विवाह के विरुद्ध कानून बनाना बेहद आवश्यक है, ताकि भाई-बहन आपस में शादी ना कर सकें. उन्होंने आने वाले विधानसभा सत्र में इसके विरुद्ध कानून बनाने की मांग की है.


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2 अक्टूबर को भी महापंचायत
किसान 2 अक्टूबर के दिन भी एक महापंचायत का आयोजन करने जा रहे हैं. इस महापंचायत में एसवाईएल का हरियाणा के हिस्से का पानी हरियाणा को देने, हरियाणा का अलग हाईकोर्ट बनवाने और यमुना नदी का गंदा पानी साफ करके फरीदाबाद और पलवल में सिंचाई योग्य बनाकर भेजने जैसी मांगों पर विचार विमर्श किया जाएगा और सरकार के साथ इन मांगों को लेकर आगे किस तरह से लड़ाई जारी रखें इस पर भी मंथन होगा. मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर किसान पिछले 6 महीने से आंदोलन कर रहे थे. मुख्यमंत्री के साथ भी बातचीत हुई थी, लेकिन वह बातचीत विफल रही. जिसके बाद किसान लगातार नेशनल हाईवे , रेल और दिल्ली एनसीआर का पानी रोकने की चेतावनी दे रहे थे. मगर फिलहाल किसानों और सरकार के बीच का ये गतिरोध समाप्त होता दिखाई दे रहा है. अब देखना होगा कि 21 दिन के भीतर सरकार किसानों की जमीन का मुआवजा दे पाती है या नहीं.