Haryana News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगभग 130 किलोमीटर दूर हरियाणा के भिवानी जिले का गांव जमालपुर बागवानी का हब बन रहा है. बागवानी विभाग की जागरूकता के चलते यहां के किसान परंपरागत खेती की बजाए बड़े पैमाने पर बागवानी को अपना रहे हैं. जमालपुर के किसानों का कहना है कि बागवानी में खेती से ज्यादा मुनाफा मिलता है. इसके साथ ही इसमें नुकसान का डर भी कम रहता है और कम लागत में ज्यादा मुनाफा मिलता है. 


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मिट्टी और पानी की अहम भूमिका
आपको बता दें, मिट्टी और पानी की तासीर के मद्देनजर यहां के किसानों ने परपंरागत खेती की बजाय बागवानी को अपनाया है.  यहां किसान बागवानी की खेती भी कर रहे हैं. कम लागत में ज्यादा मुनाफा से किसानों को बागवानी में फायदा मिलता है. इसके साथ ही सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का फायदा भी किसानों को मिल रहा है. किसानों के अनुसार जब वो मोटे अनाज का पैदावार करते थे तो उन्हें कम मुनाफा के साथ-साथ पैदावार खराब होने का भी डर रहता था, लेकिन बागवानी में उन्हें काफी राहत है. 


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सरकार से मिल रहा सहयोग
बागवानी में भिवानी का नाम हरियाणा भर में सबसे आगे चल रहा है. यहां के किसान अच्छी आमदानी के लिए खेती के बजाय बागवानी करना शुरू कर दिए हैं. इस मामले में एक किसान ने ज़ी मीडिया को बातचीत में बताया कि दो एकड़ में किन्नू की खेती की है. पहले मोटे अनाज में 30 से 40 हजार की ही बचत आती थी. साथ में किसान देसी खाद का प्रयोग करके दूसरी बीमारियों से भी छुटकारा दिला रहा है. सरकार द्वारा दी जा रही सारी योजनाओं का फायदा भी मिल रहा है.  किसानों का कहना है कि सरकार से लगातार उन्हें सहयोग मिल रहा है. उन्हें सौर उर्जा के साथ-साथ कृषि यंत्र पर भी सब्सिडी मिल रही है. 


इनपुट- नवीन शर्मा