Haryana News: भारत सरकार ने केंद्र में तैनात दो IPS अधिकारियों की नियुक्ति के आदेश जारी किये हैं. पहला आदेश 1988 बैच के हरियाणा कैडर के अधिकारी मनोज यादव का जारी हुआ, जिसमें उन्हें DG-NHRC(National Human Right Commission) से DG-RPF( Railway Protection Force) के पद पर तैनात किया गया है. वो इस पद पर अपनी रिटायरमेंट की तारीख 31 जुलाई 2025 तक तैनात रहेगें. अगर सरकार इससे पहले उन्हें कहीं और तैनात नहीं कर देती है. वो इस पद पर पश्चिम बंगाल के IPS अधिकारी संजय चंदर की जगह लेगें, जो 31 जुलाई 2023 को रिटायर हो रहे हैं. संजय चंदर 1987 बैच के अधिकारी हैं.


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DGP के लिए गया था नाम
मनोज यादव इससे पहले IB में स्पेशल डायरेक्टर के पद पर तैनात थे, लेकिन साल 2019 में उन्हें दो साल के लिये हरियाणा पुलिस का DG बना कर भेजा गया था. मनोज यादव 21 फरवरी 2019 से 15 अगस्त 2021 तक DG हरियाणा के पद पर रहे थे, लेकिन इस दो साल के दौरान उनका अपने अधिकारियों और मंत्री से किसी न किसी बात पर विवाद चलता रहा, जिसके बाद उन्होंने वापस IB में जाने की इच्छा जतायी थी. इसके बाद साल 2021 में मनोज यादव दोबारा IB में चले गये थे, लेकिन बाद में उनकी IB से बाहर DG NHRC के पद पर तैनाती की गई थी. हालांकि, हरियाणा सरकार ने उनको फिर से बुलाने की कोशिश भी की और साथ ही नये DGP के लिये उनका नाम UPSC के पैनल को भेजा गया, लेकिन मनोज यादव ने मना कर दिया था.


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NDMA की मिली जानकारी
इसके अलावा सरकार ने दूसरी नियुक्ति उत्तराखंड कैडर के 1989 बैच के अधिकारी शफी एहसान रिजवी की NDMA (National Disaster Management Authority) में की है. शफी फिलहाल IB में स्पेशल डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं. उन्हें हार्डकोर अधिकारी माना जाता है. उनके अभीतक के कार्यकाल को देखते हुए शफी एहसान को अगले IB डायरेक्टर पद का तगड़ा दावेदार भी माना जा रहा था, लेकिन उन्हें IB से निकालकर NDMA में जिम्मेदारी सौंपी गई है. 


लाल कृष्ण अडवाणी के खिलाफ दी थी गवाही
शफी एहसान रिजवी उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात हुए थे, लेकिन बाद में उत्तराखंड के उत्तर प्रदेश से अलग राज्य बनने पर वो उत्तराखंड़ चले गये थे. रिजवी की पत्नी अंजू गुप्ता भी 1990 बैच की IPS अधिकारी हैं और वो उत्तर प्रदेश में DG PTS (Police Training School) में तैनात हैं. अंजू गुप्ता वही अधिकारी हैं, जिन्होंने 1992 में बाबरी मस्जिद गिराने मामले में भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के खिलाफ गवाही दी थी. अंजू गुप्ता उस दौरान अयोध्या में ASP के तौर पर तैनात थीं और VVIP की सुरक्षा का जिम्मा था. अंजू गुप्ता RAW में भी तैनात रह चुकी हैं.