Shambhu Border Update: हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर 13 फरवरी से चल रहे किसान आंदोलन के कारण एनएच-44 बंद पड़ा है. इसकी वजह से पंजाब जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वाहन चालक गांवों के छोटे रास्तों से होते हुए यात्रा करने को मजबूर हैं, जिससे अव्यवस्था बढ़ रही है. इतना ही नहीं गांवों में सड़क हादसों की आशंका बनी रहती है. 9 महीने बाद भी सरकार को कोई हल नजर नहीं आया है, जिसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है.भारी वाहन चालक रास्ता भटक रहे हैं, जिससे सफर का समय भी बढ़ गया है. मंगलवार को बॉर्डर की सड़क पर बनी कंक्रीट की दीवार को तोड़ने का काम होता दिखाई दिया. 


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ग्रामीण इलाकों में लोगों की चिंता 
लोगों का कहना है कि बॉर्डर बंद होने के बाद भारी वाहनों की आवाजाही आसपास के गांवों से शुरू हो गई लेकिन लंबे समय से भारी वाहनों के गुजरने के  कारण सड़कें और पुलिया टूटने लगी हैं.अक्सर दुर्घटनाओं की खबरें आ रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ रही है.


पंजाब पीडब्ल्यूडी का कदम 
पंजाब पीडब्ल्यूडी ने लोह-सिंबली से घनौर की दिशा में भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस मार्ग से केवल कारों और बसों को गुजरने की अनुमति दी जा रही है. इसी तरह, निजामपुर बड़ी घेल से भी भारी वाहनों के लिए रास्ता बंद कर दिया गया है.


पटियाला जाने वालों को परेशानी 
लोह-सिंबली और बड़ी घेल से ट्रकों की आवाजाही बंद होने के बाद अब उन्हें मटहेड़ी शेखां से नन्योला और देवीगढ़ होकर पटियाला की तरफ भेजा जा रहा है. यह नया मार्ग भी जर्जर हो चुका है, जिससे वाहन चालकों को और भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग बंद होने से पटियाला और राजपुरा की तरफ जाना कठिन हो गया है. वाहन चालक रास्ते पूछते हुए भटकते नजर आ रहे हैं. कच्चे रास्तों से गुजरने के दौरान उन्हें अक्सर नुकसान उठाना पड़ रहा है. लोगों का सवाल है कि आखिर शंभू बॉर्डर कब खुलेगा? कब सरकार इस मामले में कोई कारगर फैसला लेगी. 


पीडब्ल्यूडी की तैयारियां 
लोह-सिंबली में पंजाब पीडब्ल्यूडी ने अपने स्टाफ की ड्यूटी लगा दी है. बैरिकेड्स लगाकर और सड़क खोदकर उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि भारी वाहनों की आवाजाही रोकी जा सके. पीडब्ल्यूडी का कहना है कि सराला के पास घग्गर नदी पर पुल का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके कारण यह कदम उठाया गया है. हालांकि यात्री बसों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है, लेकिन शंभू बॉर्डर के बंद होने से भारी वाहनों के लिए यह मार्ग पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, जिससे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.


इनपुट: अमन कपूर 


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