Haryana News: गिरते पारा का असर इंसानों के साथ-साथ पशुओं में भी दिखाई दे रहा है. ठंड की वजह से जहां पशुओं में 15 से 20 प्रतिशत तक दूध की गिरावट देखी जा रही है. वहीं, छोटे कटड़े व बछड़ों में पेशाब रूकने की समस्या बढ़ रही है. पशुओं में निमोनिया के केसों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही है, जिसके चलते पशुपालक खासे परेशान हैं. पशुपालकों की इसी समस्या को देखते हुए पशु चिकित्सक डा. विजय सनसनवाल ने पशुपालकों को पशुओं को ठंड से बचाने के उपाय बताए हैं.


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भिवानी जिला के गांव बलियाली के पशु चिकित्सक डा. विजय सनसनवाल ने बताया कि ठंड की वजह से छोटे कटड़े, कटड़ियों के हर रोज चार से पांच केस निमोनिया के अस्पतालों में आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि कई बड़े पशु भी ठंड से प्रभावित होकर अस्पताल में आ रहे हैं, जिनका तापमान सामान्य से नीचे होता है. ऐसे पशुओं का दूध घटा हुआ होता है और चरना भी छोड़ देते हैं.


ठंड से पशुओं को बचाने का उपाय बताते हुए उन्होंने कहा कि इस कड़ाके की ठंड में शाम होते ही पशुओं को अंदर बांध दें और उन्हे कंबल से ढ़ककर रखें. पशुओं के नीचे सूखा-भूसा बिछाकर रखें. पशुओं को ठंडा पानी न पिलाएं. धूप निकलने पर ही पशु को नहलाएं. उन्होंने कहा कि यदि पशु की नाक से पानी पड़ता दिखाई दे तो उसे सफेदे के पत्ते डालकर भांप दें.


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पशु चिकित्सक ने बताया कि पशु के बीमार होने पर पशुपालक तुरंत पशु चिकित्सालय में संपर्क करें. पशुपालक बलविंद्र सांगवान ने बताया कि ठंड की वजह से उनकी गाय व भैंसों का दो से ढ़ाई किलो तक दूध घट गया है, जबकि पशुओं की खुराक में कोइ कमी नहीं की गई है. पशुओं को धुंध शुरू होने से पहले ही बोरी या कंबल ओढ़ाकर कमरे में बांध दिया गया था.


इनपुट- नवीन शर्मा