Haryana News: साइबर सिटी गुरुग्राम के बसई इलाके में रहने वाले लोग अर्थी को कंधा नहीं दे पा रहे हैं. जलभराव और सीवरेज सिस्टम खराब होने के कारण गुरुग्राम के बसई गांव में अर्थी को ई - रिक्शा से शमशान तक ले जाने का मामला सामने आया है, जिसमें मृतक के परिवार के लोग अर्थी को कंधा ना दे पाए क्योंकि गलियों में सीवर का गंदा पानी श्मशान घाट तक भरा हुआ था, जिस वजह से अर्थी को कंधा कोई न दे सका और मजबूरी में अर्थी को रास्ते में रोककर ई- रिक्शा माध्यम से श्मशान घाट तक ले जाया गया. 


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गुरुग्राम की बदहाली
मिलेनियम सिटी कहे जाने वाले गुरुग्राम जहां ऊंची-ऊंची इमारतों और मल्टीनेशनल कंपनियों के बड़े-बड़े दफ्तर के कारण हमेशा सुर्खियों में रहता है. वहीं गुरुग्राम के बसई इलाके से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जो शायद आपको झकझोर कर रख दे. जलभराव और बदहाल सीवरेज सिस्टम मिलेनियम सिटी की सच्चाई दिखाती हैं. साथ ही एहसास दिलाती हैं कि गुरुग्राम में जलभराव और सीवरेज की समस्या इंसान के मौत के बाद तक करती हैं.


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गंदे पानी बनी परेशानी
गुरुग्राम के बसई इलाके में जहां श्मशान घाट बना हुआ है, उस रास्ते पर गंदा पानी जमा हुआ है. जिस वजह से कोई भी व्यक्ति रास्ते से गुजरता है तो उन्हें गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है. गुरुवार सुबह एक 17 साल के युवक की बीमारी के कारण मौत हो गई और उसके अंतिम संस्कार के लिए जब उसे श्मशान ले जाया जा रहा था तो रास्ते में गंदा पानी भरा हुआ था, जिस वजह से परिजनों को ई रिक्शा का इंतजाम करना पड़ा और उस गंदे पानी से ही रिक्शे में आरती रखकर शमशान तक ले जाया गया .


6 महीने से भरा है पानी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले 6 महीने से शमशान की ओर जाने वाले रास्ते पर इसी तरह पानी भरा हुआ है और 1 इंच भी पानी कम नहीं हुआ है. इस गंदे पानी की वजह से न तो निकलने के लिए रास्ता बचा हुआ है और न ही इलाके की सफाई व्यवस्था ठीक हो पा रही है. गंदे पानी की वजह से लोगों को श्मशान घाट तक अर्थी ले जाने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉलीयों की मदद लेनी पड़ती है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब अंतिम यात्रा के दौरान अर्थी को परिजन कांधा ना दे पाए हों इससे पहले भी गांव में किसी व्यक्ति की मौत हुई थी और बरसात के बाद जलभराव होने के कारण उनकी अर्थ को भी ट्रॉली के माध्यम से शमशान तक ले जाया गया तब जाकर उनकी अंतिम यात्रा पूरी हो पाई. लोगों का कहना है कई बार ऑनलाइन शिकायत के माध्यम से अधिकारियों को इस समस्या के बारे में अवगत कराने का प्रयास किया गया, लेकिन बिना समस्या का समाधान करें ही कंप्लेंट क्लोज कर दी जाती है.


जलभराव के कारण समस्याएं
जलभराव के कारण अर्थी को कांधा नसीब नहीं होता और इस वजह से स्थानीय लोगों को बहुत दुख होता है कि लोगों की अंतिम यात्रा भी जलभराव से कितनी प्रभावित हो रही है. ई रिक्शा में अर्थी को ले जाते हुए तस्वीरें गुरुग्राम जिला प्रशासन और अधिकारियों के साथ-साथ मिलेनियम सिटी के लचर सिस्टम की बदहाली अपने आप बयां कर रही हो. बहराल अब देखना होगा कि गुरुग्राम के प्रशासनिक अधिकारियों की नींद खुलेगी और इस इलाके की समस्या खत्म होगी या फिर इस श्मशान तक अर्थी को कांधा देने की प्रथा मजबूरन खत्म ही करनी पड़ेगी.


INPUT: Yogesh Kumar