Haryana News: पलवल के कई निजी स्कूलों में भारी भरकम रकम लेकर छात्रों की फर्जी डीएमसी बनाने का मामला सामने आया है. छात्रों के द्वारा मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी को दी गई है, जिसके बाद शिक्षा विभाग की तरफ से जांच की जा रही है. डीएमसी (DMC) बनाने का है पूरा मामला कोरोना काल के दौरान का बताया जा रहा है.


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निजी स्कूल द्वारा फर्जी डीएमसी तैयार करने का मामला


होडल विधानसभा के गांव पेंगलतु में एक निजी स्कूल के द्वारा छात्रों की फर्जी डीएमसी तैयार करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. दरअसल, गांव के ही एक निजी स्कूल के द्वारा छात्रों को दसवीं कक्षा की डीएमसी दे दी गई. इसके बाद इनमें से कुछ बच्चों ने भारतीय सेवा में भर्ती होने के लिए आवेदन दिया. भर्ती प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली थी कि कागजात जांच के दौरान लोकेश व उदयवीर की डीएमसी फर्जी पाए गए.


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ये छात्र स्कूल में कभी आए ही नहीं


इसके बाद दोनों ने संबंध स्कूल से DMC (Diagnostic Medical Center) को लेकर जानकारी हासिल की. तो उनको पता चला कि जिस व्यक्ति के माध्यम से उन्होंने स्कूल से डीएमसी ली थी जो पूरी तरह से फर्जी है. इसके बदले में उक्त व्यक्ति ने उनसे ₹50000 भी लिए थे यानी कि एक छात्रा को ₹50000 देकर यह डीएमसी लेनी पड़ी. सबसे बड़ी बात यह है कि यह सभी छात्र इस स्कूल में कभी पढ़े ही नहीं.


फर्जी DMC का शिकार हुए छात्र


बता दें कि जिस व्यक्ति से पैसे देकर यह डीएमसी (डायग्नोस्टिक मेडिकल सेंटर) ली गई उसे व्यक्ति का नाम अरशद बताया जा रहा है. इस पूरे मामले को लेकर अब अभिभावकों के द्वारा स्कूल और उक्त व्यक्ति अरशद के खिलाफ शिकायत दी गई है, जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उक्त स्कूल की दसवीं तथा 12वीं कक्षा की अस्थाई मान्यता कई महीने पहले हरियाणा बोर्ड ने रद्द कर दी थी और अब दो छात्रों के द्वारा लिखित कंप्लेंट दी गई है जिसमें फर्जी डीएमसी देने के बारे में बताया गया है. इस मामले में जांच की जाएगी और जो भी कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कारवाई की जाएगी.


(इनपुटः रुस्तम जाखड़)