BJP MLA: दादरी में पकड़े गए 4 करोड़ रुपए के मांस ने विधायक को इस कदर भड़का दिया कि उन्होंने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. गुर्जर का कहना है कि कुछ बड़े अधिकारी पैसे लेकर गोहत्या की अनुमति दे रहे हैं.
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BJP MLA: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में गोमांस की बड़ी बरामदगी के बाद भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है. दादरी में पकड़े गए 4 करोड़ रुपए के मांस ने विधायक को इस कदर भड़का दिया कि उन्होंने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. गुर्जर का कहना है कि कुछ बड़े अधिकारी पैसे लेकर गोहत्या की अनुमति दे रहे हैं.
मुगलों के शासन की याद दिलाता हालात
विधायक गुर्जर ने कहा कि वर्तमान सरकार के दौरान जो हालात बने हैं, वैसा मुगल शासन के दौरान भी नहीं था. उन्होंने कहा कि गाय पूरे विश्व की माता है और अगर कोई मां को छेड़ता है, तो वह कत्लेआम का कारण बनता है. उन्होंने यह भी कहा कि दादरी गोपालकों का क्षेत्र है और यहां ऐसी घटनाओं की उम्मीद नहीं थी. गुर्जर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरक्षा की कोशिशों की सराहना की, जिसमें कान्हा गोशाला का निर्माण शामिल है. हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि गौतस्करों का एक बड़ा सिंडिकेट पुलिस की नाक के नीचे काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि 300 टन गोमांस एकत्रित किया गया है, जो 8,000 से ज्यादा गायों का है.
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अधिकारियों की संलिप्तता का आरोप
भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि यह गोतस्करी का सिंडिकेट बड़े अधिकारियों के संरक्षण में काम कर रहा है. उन्होंने मांग की कि इस मामले की उच्चस्तरीय समिति या सीबीआई से जांच कराई जाए. गुर्जर ने कहा कि जो मांस पकड़ा गया, वह करीब 8,000 गायों का है और लखनऊ में बैठे अधिकारी गाय कटवाकर पैसे ले रहे हैं. विधायक ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह स्थिति पूरी सरकार के लिए शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस मामले में सख्त सजा मिलनी चाहिए. गुर्जर ने कहा कि हम हिंदू हैं, हमें मर जाना चाहिए या जालीदार टोपी पहन लेनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करनी चाहिए.
गौतमबुद्धनगर में गोमांस की बरामदगी ने नंद किशोर गुर्जर को आक्रोशित कर दिया है. उनकी मांग है कि इस मामले की गहराई से जांच की जाए ताकि दोषी अधिकारियों को सजा मिल सके. यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह पूरे उत्तर प्रदेश की गोरक्षा की दिशा में उठाए गए कदमों पर भी सवाल खड़ा करती है.