Haryana News: यहां दिवाली के अगले दिन होता है विश्वकर्मा पूजा, दूध से नहलाए जाते हैं औजार
Haryana News: दीपावली के अगले दिन विश्वकर्मा दिवस हर वर्ष मनाया जाता है. इस दिन औजारों की पूजा की जाती है. इस दिन कारीगर सिर्फ पूजा-अर्चना करने के उद्देश्य से ही दुकान खोलते हैं. आज के दिन औजारों का प्रयोग नहीं करते हैं.
Haryana News: भारतीय संस्कृति में अनेक त्यौहार समय-समय पर मनाए जाते हैं. दीपावली के अगले दिन आज दुनिया के पहले वास्तुकार कहलाने वाले भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना कर विश्वकर्मा दिवस मनाया गया. इस मौके पर भिवानी में मिस्त्रियों ने अपने औजारों की पूजा अर्चना पंच मेवों से की और कहा कि भगवान विश्वकर्मा की कृपा से वे कमाई करते हैं और आज के दिन पूजा अर्चना करके आराम करते हैं.
दिवाली के अगले दिन विश्वकर्मा पूजा
छोटी काशी के नाम से विख्यात भिवानी शहर में कई जगहों पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा की गई. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को देवशिल्पी यानी की देवताओं के वास्तुकार के रूप में पूजा जाता है. उन्हें त्रिलोका या त्रिपक्षीय युग का भी निर्माता माना जाता है. साथ ही भगवान विश्वकर्मा ने अपने शक्ति से देवताओं के उड़ान रथ, महल और हथियार का भी निर्माण किया था. यहां तक कि यह भी माना जाता है की इंद्र का महाअस्त्र जो ऋषि दधिची के हड्डियों से बना हुआ था वह भी भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया गया था. विश्वकर्मा पूजा लगभग सभी कार्यालयों मनाया जाता है, परंतु इंजीनियर, पत्थर वाले, बिजली मैकेनिक, फर्नीचर मिस्त्री, आर्किटेक्ट, चित्रकार, मैकेनिक, वैल्डिंग दुकान वाले या कारखानों में इसको मुख्य तौर से मनाया जाता है. उत्तर भारत में यह पूजा बड़े उल्लास के साथ मनाई जाती है. इस पूजा में शिल्पकार और वास्तुकार भगवान विश्वककर्मा की पूजा की जाती है. इस दिन सभी राजमिस्त्री, मजदूर, शिल्पकार सभी इस पूजा को बड़े धूमधाम से मनाते हैं.
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दूध से नहलाए जाते हैं औजार
पूजा अर्चना कर रहे मिस्त्री राजदीप व भीष्म ने बताया कि दीपावली के अगले दिन विश्वकर्मा दिवस हर वर्ष मनाया जाता है. आज हमने भगवान विश्कर्मा दिवस मनाया है. उन्होंने बताया कि इस दिन औजारों की पूजा की जाती है. उन्होंने बताया कि आज के दिन वे लोग सिर्फ पूजा अर्चना करने के उद्देश्य से ही दुकान खोलते हैं. पूजा में वे अपने औजारों की पूजा करते हैं और आज के दिन औजारों का प्रयोग नहीं करते हैं. उन्होंने बताया कि वे दूध आदि से औजारों को नहलाते हैं फिर पांच प्रकार के मेवों से इनकी पूजा करते है. उसके बाद वे सारा दिन स्वयं भी आराम करते हैं. उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की कृपा से ही वो वर्षभर कमाई करते हैं, जिससे उनका परिवार चलता है. कामगार सुनील विश्वकर्मा पूजा के दौरान औजारों व निर्माण कार्यो से जुड़ी मशीनों, दुकानों, कारखानों की पूजा की जाती है तथा भगवान विश्वकर्मा से व्यापार में तरक्की व उन्नति की मनोकामना की जाती है. यह त्यौहार दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है.
INPUT- NAVEEN SHARMA