हरियाणा के नूंह जिले के लोग क्यों कर रहे राजस्थान में शामिल होने की मांग, जानें पूरा मामला
हरियाणा के नूंह जिले के नगीना क्षेत्र के लोग राजस्थान के जिला भिवाड़ी में शामिल होने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि आजादी के बाद से किसी भी सरकार ने यहां कोई काम नहीं किया है.
कासिम खान/नूंह: नूंह के नगीना क्षेत्र के लोगों ने अपने क्षेत्र को नूंह हरियाणा से हटाकर राजस्थान के भिवाड़ी जिले में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर नगीना क्षेत्र के लोगों ने दिल्ली वडोदरा मेगा हाईवे के निकट पहुंचकर प्रदर्शन किया. मौके पर एक ज्ञापन पत्र तैयार किया गया जिसे प्रधानमंत्री को भेजा जा रहा है.
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बता दें कि इस बैठक में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया और प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, गृहमंत्री और उप मुख्यमंत्री से मिलने की कार्य योजना तैयार की. लोगों की मांग है कि उन्हें हरियाणा प्रदेश की बजाए राजस्थान के जिला भिवाड़ी में शामिल किया जाए. नगीना और तिजारा की सीमाएं सटी हुई हैं.
लोगों ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र में मांग रखी है कि वह हरियाणा के जिला नूंह में शामिल नहीं रहना चाहते, क्योंकि यहां उनके साथ आजादी के बाद से लगातार भेदभाव होता आ रहा है. कोई भी सरकार उन्हें विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का काम नहीं कर रही है. उनका कहना है कि आज भी नगीना से तिजारा सड़क नहीं बनाई गई. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे में मरोड़ा स्थित नगीना होडल रोड पर कट नहीं दिया गया. नांगल मुबारिकपुर की यूनिवर्सिटी को तावडू और इंडरी बनाया जाएगा. जिला कृषि विज्ञान केंद्र को मरोडा के स्थान पर छपेडा में बनाया जाना है, जबकि 15 किलोमीटर पर मंडकोला में पहले ही जिला कृषि विज्ञान केंद्र बना हुआ है. नगीना में मानक पूरा होते हुए भी उपमंडल की सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. लोगों की लाख कोशिशों के बावजूद नूंह-अलवर फोरलेन नहीं बनाया जा रहा. जिला नागरिक अस्पताल को 300 बेड तथा 100 बेड का ट्रामा सेंटर नहीं बनाया गया. नगीना खंड के 10 पंचायतों को वापिस नगीना क्षेत्र में जोड़ा जाए.
लोगों का कहना है कि नगीना को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को नगीना क्षेत्र का दौरा करना चाहिए. उन्हें यहां आकर पता चलेगा कि नीति आयोग का सबसे पिछड़ा जिला मेवात का सबसे पिछड़ा क्षेत्र नगीना क्यों विकास में भेदभाव का दंश झेल रहा है. यहां के 68 गांवों को सरकारी स्कीमों से क्यों वंचित रखा जा रहा है. आरोप है कि नीति आयोग के सभी पैरामीटर में गलत जानकारियां भरी जा रही हैं. चौधरी अब्बास खान, पूर्व एसएससी चेयरमैन इब्राहिम खान, इकबाल ठेकेदार, पूर्व चेयरमैन इमरान का कहना है कि भारत सरकार नगीना क्षेत्र में काम लोगों से बात करने के लिए एक टीम गठित करके भेजें ताकि स्थानीय प्रशासन की मनमानियां सामने आ सके और यहां के लोगों का सर्वांगीण विकास हो जाए.