Haryana Crime: फर्जी आरसी बनाकर किसानों को बेचते थे चोरी के ट्रैक्टर, पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार
Haryana Crime: हरियाणा में एक ट्रैक्टर चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. ये गिरोह करीब चार राज्यों से ट्रैक्टर चुराकर लाता था. फिस उनके आरसी एडिट कर उन्हें किसानों से बेच दिया करते थे.
Haryana Crime: पलवल सीआईए की टीम ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो ट्रैक्टर चोरी कर फर्जी आरसी बनाकर उन्हें किसानों को बेचते थे. डीएसपी हैडक्वार्टर शाकिर हुसैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर करीब 50 लाख की कीमत के 6 ट्रैक्टर बरामद किए हैं. आरोपी अबतक 3 दर्जन ट्रैक्टरों को इसी तरह किसानों को बेच चुके हैं.
करोड़ों की कर चुके हैं चोरी
डीएसपी शाकिर हुसैन ने बताया कि बलई गांव निवासी गंगाधर ने एक मुकदमा थाना चांदहट में दर्ज कराया था, जिसमें उसने बताया कि उसने एक ट्रैक्टर न्यू हॉलैंड वसीम निवासी नंगला कानपुर थाना हसनपुर से खरीदा था. कुछ समय बाद गंगाधर उस ट्रैक्टर को बेचने के लिए जब कागजों की जांच कराई तो उस नंबर की आरसी उन्हें न्यू हॉलैंड ट्रैक्टर की मिली जिसपर उन्होंने आरोपी के खिलाफ धोकाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया.
एक बार में 6 ट्रैक्टर्स बरामद
गंगाधर की इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सीआईए पलवल की टीम ने मुख्य आरोपी वसीम को गिरफ्तार कर 7 दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया. रिमांड के दौरान आरोपी की निशानदेही पर करीब 50 लाख रुपये के 6 ट्रैक्टर बरामद हुए, जो उसकी गिरोह ने इसी तरह आरसी को एडिट कर स्कैन के जरिये नई आरसी तैयार कर धोखाधड़ी से किसानों को बेचे थे. इसके अलावा आरोपी ने बताया कि उसके गिरोह ने कई राज्यों जिसमें गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और उत्तरप्रदेश शामिल हैं. वहां पहले भी ऐसे कई वारदातों को अंजाम दिया हुआ है, जिसमें इससे वो जेल भी जा चुका है.
स्कैंन और एडिट के माध्यम से लगाते थे चूना
इस मामले में पूछताछ के दौरान आरोपी शाकिर हुसैन ने बताया कि यह गैंग स्कैन के माध्यम से चोरी किये हुए ट्रैक्टरों की आरसी पहले अपने नाम से बनाते थे फिर एफिडेविट के माध्यम से किसानों को धोखे से बेच देते थे. उन्होंने बताया कि इस तरह की वारदातों को अंजाम देने में वसीम के अलावा उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के दो अन्य लोग शामिल थे. डीएसपी के अनुसार जावेद निवासी सिंगार चोरी किये हुए ट्रैक्टरों के एडिट व स्कैन के माध्यम से कागजात बनाने का काम करता था. उनका गिरोह अब तक करोड़ों रुपये के करीब 3 दर्जन ट्रैक्टर चोरी कर धोखाधड़ी से किसानों को बेच चुके हैं.
इनपुट- रुस्तम जाखड़