चंडीगढ़: हरियाणा में पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. राज्य चुनाव आयोग पंचायती राज संस्थाओं को पत्र लिखकर जल्द चुनाव संपन्न कराने को कहा है. चुनाव आयोग ने कहा है कि 30 नवंबर से पहले चुनाव करा लिए जाएं. हालांकि पहले 30 सितंबर तक चुनाव कराने को गया था, लेकिन वार्डबंदी के कारण इस तारीख तक चुनाव कराना संभव नहीं है. जिसे देखते हुए चुनाव आयोग अब 30 नवंबर की तारीख दी है.


राज्य चुनाव आयोग ने पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव प्रक्रिया को 30 नवंबर से पहले पहले संपन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार को लिखा है. हालांकि पहले 30 सितंबर की तारीख दी गई थी, लेकिन वार्ड बंदी के चलते 30 सितंबर से पहले चुनाव संभव नहीं है. अब हरियाणा चुनाव आयोग अक्टूबर तक यह चुनाव संपन्न करने की कोशिश करेगा. अगर अक्टूबर में भी चुनाव संपन्न नहीं हो पाते हैं, तो 30 नवंबर से पहले-पहले तमाम पंचायत राज चुनाव संपन्न कराए जाने को लेकर सरकार को लिखा है. ‌

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आपको बता दें कि शुक्रवार को मुख्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 22 सितंबर तक आरक्षित सीटों का ब्योरा मांगा है. ऐसे में साफ है कि 30 सितंबर पंचायत चुनाव होना नामुमकिन है. राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा अपने पत्र में लिखा है कि विकास एवं पंचायत विभाग पंच, सरपंच, पंचायत समिति, जिला परिषद सदस्य के लिए आरक्षित सीटों के अलावा समिति व जिला परिषद चेयरमैन के लिए रिजर्व सीटों का ब्योरा दें. चुनाव टलने की एक वजह पंचायत समिति और जिला परिषद की पुनर्सीमांकन में देरी भी है.


ढाई साल से पेंडिंग हैं पंचायत चुनाव
हरियाणा में पंचायत चुनाव फरवरी 2021 में होने थे. लेकिन बीसी-ए आरक्षण, महिलाओं के लिए 50 फीसदी सीटें, सम-विषम आधार पर सीटों को लेकर आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गईं, जिसके कारण चुनाव टलते गए. इसी साल मार्च-अप्रैल में हाईकोर्ट के चुनाव को हरी झंडी देने पर सरकार ने चुनाव कराने की तैयारी करने के निर्देश राज्य चुनाव आयोग को दिए. समय सीमा भी निर्धारित कर दी गई लेकिन, पिछड़ा वर्ग आयोग के बीसी-ए को आरक्षण देने संबंधी रिपोर्ट सरकार को सौंपने के कारण अब इसमें देरी हो रही है. प्रदेश में अभी तक बीसी-ए और अन्य वर्गों के लिए सीटों का आरक्षण नहीं हो पाया है.

 


 

22 अगस्त को मांगी थी जानकारी, रिमाइंडर भी भेजा
बीते 22 अगस्त को चुनाव आयोग ने सरकार से जानकारी मांगी थी. इसके लिए 2 इसितंबर को रिमाइंडर भी भेजा गया था. लेकिन सरकार की ओर से अभी तक आरक्षित और सामान्य सीटों की जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी गई. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ट्रिपल टेस्ट कराकर सरकार बीसी-ए को वार्ड और पंचायत स्तर पर जनसंख्या अनुसार आरक्षण देने के लिए दो सितंबर को पंचायती राज एक्ट में संशोधन की अधिसूचना जारी कर चुकी है. फिर भी आरक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई.