हरियाणा में पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त प्रशासन, किया 2.80 लाख का जुर्माना
हरियाणा और पंजाब में कुछ किसान अब भी अपने खेतों में पराली जला रहे हैं, जिस कारण दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ जाता है. इस पर प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए पराली जलाने वाले 10 किसानों पर जुर्माना लगाया है.
विजय कुमार/सिरसा: पराली जलाने वाले किसानों पर अब जिला प्रशासन और कृषि विभाग सख्त हो गया है. सिरसा जिला में पिछले काफी समय से सिरसा के किसान लगातार पराली जला रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण हो रहा है. इस वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अब जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने अब सख्त हिदायत दी है कि किसी भी किसान ने अगर पराली जलाई तो उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी.
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कृषि विभाग फसलों के अवशेष जलाने वाले किसानों पर सख्त होता दिखाई दे रहा है. हालांकि क्षेत्र में अभी भी धान की कटाई जारी है, लेकिन आगामी आने वाले 10 से 15 दिन कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए बहुत अहम हैं, क्योंकि कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो अब तक कुल 90% तक धान की कटाई की जा चुकी है. क्षेत्र में 2 लाख 31 हजार हेक्टेयर में धान की बिजाई की जाती है. अधिकतर किसान पराली प्रबंधन कर विभाग की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन क्षेत्र के कुछ किसान ऐसे भी हैं, जो अभी भी फसलों के अवशेषों को आग लगा रहे हैं. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल आगजनी की घटना काफी कम हुई है और अब तक कुल 2 लाख 80000 का जुर्माना भी किया जा चुका है.
वहीं कृषि उप निदेशक डॉ. बाबूलाल ने बताया कि हरसक के माध्यम से विभिन्न गांवों में फसल अवशेष में आगजनी के अब तक कुल 218 मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें 109 मामलों में कुल 2 लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है. उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों और पुलिस प्रशासन के सहयोग से फसलों के अवशेष में आग लगाने वाले किसानों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है. अब तक कुल 90 प्रतिशत तक धान की कटाई हो चुकी है. उन्होंने जिला सिरसा के सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान अपने खेतों में धान की पराली को न जलाए और सरकार द्वारा पराली प्रबंधन के लिए दी जाने वाली स्कीमों का लाभ उठांए.