Fatehabad News: हरियाणा के CM नायब सैनी ने मंगलवार को सरपंचों को बड़ी राहत देते हुए पूर्व CM मनोहर लाल के फैसले को पलट दिया. अब हरियाणा के सरपंच ई-टेंडरिंग के बिना 21 लाख तक का काम करा पाएंगे, इससे पहले यह लिमिट 5 लाख थी. वहीं CM सैनी के इस फैसले को सरपंच एसोसिएशन ने भ्रमित करने वाला बताया है. साथ ही मुद्दे को लेकर सरपंच एसोसिएशन द्वारा आगामी 7 जुलाई को बैठक आयोजित की जाएगी.

 

पंचायत के विकास कार्यों के लिए सरपंच अब बिना ई-टेंडरिंग के 21 लाख रुपये तक का इस्तेमाल कर सकेंगे. CM सैनी के इस फैसले पर अब राज्य के सरपंचों की प्रतिक्रिया सामने आई है. सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष ने सरकार के इस फैसले को भ्रमित करने वाला बताया. साथ ही कहा कि जब तक कुल फंड के 50 प्रतिशत खर्च करने की अनिवार्यता समाप्त नहीं होगी तब तक कोई फायदा नहीं होगी. इसके साथ ही आगामी 7 जुलाई को सरपंच एसोसिएशन की बैठक भी होगी. 

 


 

 

मुख्यमंत्री द्वारा पंचायतों के अधिकार बढ़ाने, बिना टेंडर के विकास कार्य करने की सीमा 21 लाख करने तथा गांव में किसी मंत्री के आगमान पर खर्च की सीमा बढ़ाने के फैसले को लेकर सरपंच नाखुश नजर आ रहे हैं. सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर सिंह ने कहा कि सरकार जब तक ग्राम पंचायतों को उनके पूर्ण अधिकार नहीं देती तब तक इस प्रकार की घोषणाओं का कोई औचित्य ही नहीं है. उन्होंने कहा कि आगामी 7 जुलाई को एसोसिएशन की बैठक बुलाकर आगे की रणनीति तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार से जो मांग की जा रही थी,उसे तो पूरा कर नहीं रही है. 

 

रणबीर सिंह ने CM सैनी द्वारा सरपंचों को मिलने वाली खर्च की सीमा बढ़ाने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्राम पंचायत में किसी मंत्री के आगमन पर खर्च सीमा बढ़ाकर 30 हजार करने की घोषणा की है उससे ग्राम पंचायत को क्या लाभ होगा? रणबीर सिंह ने कहा कि यूनियन की ओर से बार-बार टेबल पर आमने सामने बैठकर बात करने की बात कही गई. मगर सरकार ने कोई रूचि नहीं दिखाई. वहीं एस्टीमेट बनाने के लिए समय सीमा तय करने पर उन्होंने कहा कि एस्टीमेट तो पहले बिना किसी देरी के बनते आ रहे हैं, इसमें नया क्या है. सरकार केवल भ्रमित करने का प्रयास कर रही है.

 

Input- Ajay Mehta