चंड़ीगढ़: हरियाणा के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. हरियाणा से शुरू हुआ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सफल होता दिख रहा है. लिंग अनुपात के ताजा आंकड़ों में हरियाणा में शानदार सुधार देखा गया है हरियाणा का लिंग अनुपात पहली बार 900 के पार पहुंचा है. पिछले एक दशक में हरियाणा के लिंग अनुपात में 38 अंकों का बड़ा सुधार हुआ है. जहां एक ओर साल 2011 में हरियाणा का लिंग अनुपात एक हजार बेटों के पीछे 879 था. वहीं अब यह लिंगानुपात 38 अंक बढ़कर 917 तक पहुंच गया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लिंग अनुपात के सुधार में जिंद बना अग्रणी जिला
अगर शिशु के जन्म पर नजर डाली जाए तो पिछले साल जनवरी से दिसंबर तक कुल 5,31,203 बच्चों का जन्म हुआ, जिनमें से 2,54,148 लड़कियां शामिल हैं. इस हिसाब से हरियाणा का लिंगानुपात प्रति हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 917 बनती है. लिंगानुपात के सुधार में जींद और फतेहाबाद जिलों का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा. जींद में प्रति हजार लड़कों के पीछे 986 लड़कियों ने जन्म लिया. इस तरह जिंद लिंगानुपात के सुधार में सबसे अग्रणी जिला बन गया है.


ये भी पढ़ें: Jhajjar: जमीन मुआवजे के लिए किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च, ताली-थाली बजाकर सरकार को जगाया


दूसरे स्थान पर पानीपत ने बनाई अपनी जगह
दूसरे स्थान पर पानीपत रहा जहां पर बजार लड़कों पर लड़कियों के जन्म का औसत  959 रहा. तीसरे स्थान पर फतेहाबाद रहा जहां पर लड़कियों के जन्म का औसत 958 रहा. हरियाणा के कई जिले ऐसे भी हैं जहां पर आंकड़ा 900 से कम रहा इन जिलों में पंचकूला, नूंह, महेंद्रगढ़, सिरसा, भिवानी, चरखी दादरी शामिल हैं। सबसे खराब लिंग अनुपातचरखी दादरी में दर्ज किया गया जहां पर प्रति हजार लड़कियों के पीछे 799 लड़कियों ने जन्म लिया.


हरियाणा के Sex Ratio पहले रहा उतार-चढ़ाव
हरियाणा में लड़कियों और लड़कों के गिरते लिंग अनुपात के बीच यह खबर प्रदेश के लिए बेहद राहत भरी है. हालांकि हरियाणा का लिंग अनुपात राष्ट्रीय औसत लिंग अनुपात 943 से कम है, लेकिन फिर भी यह एक सराहनीय आंकड़ा है. 1951 के जनगणना में यह अनुपात 871 था तो 1961 में घटकर 868 तक आ गया और यह उतार-चढ़ाव का दौर 2011 तक चलता रहा.