Haryana Flood: बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों के हालात देख अभय चौटाला ने CM को लिखा पत्र, की ये मांग
Haryana Flood Latest Upadte: सिरसा और फतेहाबाद जिलों के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में सरकारी अनदेखी के कारण हुए नुकसान और परेशानी झेल रहे लोगों की तरफ ध्यान देने और तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने बारे मुख्यमंत्री को पत्र लिखा.
Haryana Flood News: प्रदेश में घग्गर नदी के साथ लगते सिरसा और फतेहाबाद जिलों के गांवों के खेतों व ढाणियों में जलभराव के कारण बहुक नुकसान हुआ है. इसी को देखते हुए इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने सोमवार को राहत एवं बचाव कार्यों में सरकारी अधिकारियों द्वारा की गई अनदेखी के बारे प्रधानमंत्री को पत्र लिखा.
अभय सिंह चौटाला ने पत्र में कहा कि बाढ़ के कारण कई गांवों और ढाणियों में फसलों का भारी नुकसान हुआ है. सरकार ने बाढ़ से बचाव के लिए राहत कार्य न के बराबर किए गए हैं. वे स्वयं सिरसा जिला के रानियां, ऐलनाबाद और कालांवाली हलकों में जाकर आए. जहां उन्होंने यह पाया कि सिरसा से लेकर राजस्थान बार्डर तक दोनों तरफ घग्गर के पानी से फसलें बर्बाद हुई हैं. इसके बावजूद सरकार की तरफ से किसानों को उनके हुए नुकसान की भरपाई का किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं मिला है. बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की चुप्पी किसानों के लिए बहुत घातक सिद्ध हो सकती है.
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि घग्गर नदी के साथ लगते गावों के किसान अपने परिवारों समेत बनाए गए बांधों पर बैठे हैं. जहां सरकार की तरफ से न तो कोई राहत सामग्री भेजी गई है और न ही बिजली आदि का प्रबंध किया गया है. सरकारी अधिकारी जाते हैं और लोगों को झूठे आश्वासन देकर वापिस चले जाते हैं. अभी तक मुख्यमंत्री के द्वारा इस दुख की घड़ी में बाढ़ पीड़ितों को किसी भी प्रकार की राहत और मुआवजा देने का आश्वासन न देना बेहद दुखद है. जबकि सरकार के स्तर पर स्वयं संज्ञान लेकर बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य तुरंत किए जाने चाहिए थे.
उन्होंने पत्र के जरिये मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि तुरंत संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि वे बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य प्राथमिकता के आधार पर शुरू करें. लोगों के जान माल की सुरक्षा हो सके. तत्काल प्रभाव से गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए. साथ ही बाढ़ से घरों में घुसे पानी के कारण घरेलू सामान जैसे राशन एवं पालतू पशुओं को हुए नुकसान का भी सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिया जाए.