तीन महीने पहले दुनिया छोड़कर जा चुके टीचर का किया ऐलनाबाद ट्रांसफर, फूटा ग्रामीणों का गुस्सा
हाल ही में हरियाणा के सरकारी स्कूलों में टीचरों के तबादले किए गए है, जिसमें तीन पहले मरने वाले टीचर का भी ट्रांसफर कर दिया गया है. सरकार और शिक्षा विभाग की लापरवाही से रोषित ग्रामीणों ने गांव के स्कूल के बाहर ही शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर अपना विरोध जाहिर किया और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
विजय कुमार/सिरसाः ऐलनाबाद के गांव काशी का बास में अजीबो गरीब मामला सामने आया है. हरियाणा शिक्षा विभाग ने कल हरियाणा के सरकारी स्कूलों में टीचरों के तबादले किए है, लेकिन काशी का बास गांव में तीन पहले मरने वाले टीचर का ही ट्रांसफर कर दिया है. सरकार और शिक्षा विभाग की लापरवाही से रोषित ग्रामीणों ने गांव के स्कूल के बाहर ही शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर अपना विरोध जाहिर किया. ऐलनाबाद की आम आदमी पार्टी की इकाई ने भी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार और शिक्षा विभाग ने कल हरियाणा के कई स्कूलों के टीचरों का तबादला किया है लेकिन उनके स्कूल में जिस टीचर का तबादला हुआ है वो 22 जुलाई को ही मर चुका है. आप ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. आपको बता दे कि हरियाणा शिक्षा विभाग ने जिस टीचर का तबादला गांव काशी का बास में किया है उसका नाम हंस राज है. हंस राज एक संस्कृत का अध्यापक था और 3 महीने पहले ओढ़ां ब्लॉक के सालम खेड़ा गांव के सरकारी स्कूल में टीचर था.
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मृतक टीचर का हुआ ट्रांसफर
किसी कारन वंश हंस राज ने सुसाइड कर लिया था, लेकिन शिक्षा विभाग के उसके मरने की सूचना तीन महीने के बाद भी नहीं पहुंची है. खैर ग्रामीणों और नेता अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है. हरियाणा शिक्षा विभाग अपने टीचरों के प्रति कितना संजीदगा है इसका अंदाजा कल जारी हुई ट्रांसफर लिस्ट से ही पता चल रहा है. विभाग ने तीन महीने पहले मरने वाले एक टीचर का ही ट्रांसफर कर दिया.
लेकिन, जैसे ही गांव काशी का बास के ग्रामीणों को शिक्षा विभाग की इस लापरवाही की जानकारी मिली तो उन्होंने शिक्षा विभाग के खिलाफ अपना रोष जाहिर किया. सिरसा जिला में ओढ़ां ब्लॉक के सालमखेड़ा गांव से मृत टीचर हंस राज का तबादला ऐलनाबाद खण्ड के गांव काशी का बास के माध्यमिक विद्यालय में किया गया है. हंस राज जो तीन पहले ही सुसाइड कर चुका है.
काशी का बास में नियुक्त किया गया है. शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड में उनकी आत्मा आज भी नौकरी कर रही है. पिछले तीन महीनों से ओढ़ां ब्लॉक के सालमखेड़ा में बच्चों को पढ़ा रही थी. अब उनकी आत्मा ऐलनाबाद ब्लॉक के कासी का बास के मिडल स्कूल में संस्कृत पढ़ाएगी.
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क्या इतना लापरवाह है शिक्षा विभाग?
हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि हम पिछले 21 दिन से स्कूल के सामने अध्यापकों की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है और सरकार ने हमारे साथ ये भद्दा मजाक किया है जिसको लेकर पूरे गांव में रोष है. उन्होंने कहा कि एक मृत टीचर का ट्रांसफर उनके गांव में किया गया है जो बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है. उन्होंने कहा कि उनके गांव में जीवित टीचर का ही ट्रांसफर किया जाए.
इस मामले में आम आदमी पार्टी के नेता कृष्ण वर्मा ने कहा कि सरकार शिक्षा को लेकर गम्भीर नहीं है इस मामले की जांच होनी चाहिये कि कैसे एक मरे हुए अध्यापक का तबादला हो रहा क्या वो अध्यापक अब भी तनख्वाह ले रहा है उस अध्यापक का डाटा क्यो अपडेट नहीं किया गया उन्होंने सबन्धित अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है.