रोहित शर्मा/चंडीगढ़ः हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ‘फायर एंड इमरजेंसी सर्विसिज’ के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश की सभी एयर-स्ट्रिप्स पर ‘फॉम-टेंडर फायर फाइटिंग व्हीकल्स’ का प्रबंध किया जाए ताकि एयरोप्लेन आदि की लैंडिंग के दौरान किसी भी संभावित आग की दुर्घटना न हो. उन्होंने प्रदेश में विभागीय कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षित करने के लिए फायर एंड इमरजेंसी सर्विसिज का ट्रेनिंग सेंटर खोलने और नया डिप्लोमा शुरू करने की संभावनाओं को तलाशने के भी निर्देश दिए.


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डिप्टी सीएम शुक्रवार को यहां ‘फायर एंड इमरजेंसी सर्विसिज’ विभागी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. इस अवसर पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री अनूप धानक व अन्य अधिकारी आदि भी उपस्थित थे. उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ‘फायर एंड इमरजेंसी सर्विसिज’ विभाग का प्रभार मिलते ही प्रथम बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान विभागीय कार्यप्रणाली, सांगठनिक ढांचा व उपलब्ध स्टाफ व आवश्यकताओं के बारे में विस्तार से चर्चा की.


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दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के गुरूग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पंचकुला, रेवाड़ी, बहादुरगढ़, पानीपत आदि बड़े शहरों में 14 मंजिल से लेकर 80 मंजिल तक की बहुमंजिला इमारतों में होने वाली आगजनी की घटनाओं पर जल्द से जल्द काबू पाने के लिए हाइड्रोलिक फायर टेंडर व्हीकल्स को खरीदने के निर्देश दिए. अभी तक ऊंची इमारतों में आग लगने पर दिल्ली राज्य या एयरपोर्ट जैसे संस्थानों से आग बुझाने के लिए गाड़ियां बुलानी पड़ती थी. परंतु हाइड्रोलिक फायर टेंडर व्हीकल्स की खरीद के बाद प्रदेश की जनता को आगजनी से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी.


डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को जानकारी दी गई कि अभी तक मानेसर में ही एकमात्र ‘फायर एंड इमरजेंसी सर्विसिज’ का ट्रेनिंग सेंटर है, जिस पर दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में किसी वाजिब स्थान पर ‘फायर एंड इमरजेंसी सर्विसिज’ का अत्याधुनिक ट्रेनिंग सेंटर खोलने की प्रक्रिया आरंभ करें ताकि कर्मचारियों को नए-नए उपकरणों से सुसज्जित किया जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि इस सेंटर में ‘फायर एंड इमरजेंसी सर्विसिज’ से संबंधित कोई डिप्लोमा भी शुरू करने की संभावनाओं को तलाश करें ताकि राज्य के युवा प्रशिक्षित होकर निजी संस्थानों में भी रोजगार हासिल कर सकें.


उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के भीड़ वाले आगजनी संभावित स्थान जैसे सभी मॉल, थिएटर, संस्थान तथा अन्य बड़े व ऊंचे भवनों आदि में फायर-सेफ्टी के उपकरणों का निरीक्षण किया जाए ताकि किसी भी आकस्मिक आगजनी की घटना को रोका जा सके और जनता के जन-धन का नुकसान होने से बचाया जा सके. उन्होंने अधिकारियों को एक एसओपी बनाने के निर्देश दिए ताकि आगजनी की सूचना मिलने पर उस जगह व दूरी के अनुसार आग बुझाने की गाड़ी व उपकरण को भेजा जाए, इससे आग से होने वाले अधिक नुकसान से बचा जा सकेगा.