Delhi News: भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के निर्देश पर बुधवार को दूसरे दिन भी राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन इलाके में  झुग्गियों को बुलडोजर से ढहाया गया. इस दौरान वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा. झुग्गी तोड़ने से पहले वहां के लोगों को नोटिस देकर 20 नवंबर तक  जगह खाली करने का आदेश दिया गया था. मंगलवार से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाई झुग्गियों को तोड़ने की कार्रवाई  शुरू हुई थी. आज एक बार फिर झुग्गियों पर बुलडोजर चलाया गया. इस दौरान सड़क को प्रशासन ने बंद कर दिया था.   


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हजरत निजामुद्दीन में अतिक्रमण हटाने के दौरान दिल्ली पुलिस और अर्ध सैनिक बल के जवान मौजूद रहे.  मंगलवार को पीडब्ल्यूडी के साथ मिलकर विभाग ने इस कार्रवाई शुरू की थी. वहां झुग्गी गिराए जाने के बाद पीड़ित लोगों का दर्द उनकी जुबां पर आ गया. महिलाओं का कहना था कि वे इस जगह पर 30 से 40 साल से रह रहे हैं. अब अचानक हमारी झुग्गियों को तोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि तीन-चार दिन पहले नोटिस दिया गया और हमसे झुग्गी खाली करने को कह दिया गया. आज बुलडोजर की कार्रवाई कर दी गई. 


बच्चों को लेकर कहां जाएं
लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री जहां झुग्गी वहीं मकान की बात कहते हैं, जबकि हमें मकान दिए बिना ही हमारी झुग्गियों को तोड़ा जा रहा है. नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि पहले हमें बसाया जाए फिर हमारे घरों को उजाड़ा जाए. एक महिला ने कहा कि हमारे बच्चे यहीं पास के स्कूल में पढ़ते हैं और अब हमसे हमारा आशियाना छीना जा रहा है. ऐसे में हम अपने बच्चों को लेकर कहां जाएं. 


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पुलिस पर घूस लेने का आरोप
वहां के लोगों का ये भी कहना है कि वो उस जगह पर 40-50 साल से झुग्गी बनाकर रह रहे हैं, लेकिन आज उन्हें तोड़ा जा रहा है. न ही उन्हें मुआवाजा दिया गया और न ही उनके रहने की कोई व्यवस्था की गई है. अतिक्रमण हटाने गई टीम पर एक महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि वहां पर एक मस्जिद है, उसमें लगभग 50 झुग्गियां हैं, लेकिन उन्हें नहीं तोड़ा गया. महिला ने पुलिस पर घूस लेने का भी आरोप लगाया. कार्रवाई के दौरान कई आलाधिकारी मौके पर मौजूद रहे और अपनी निगरानी में ही झुग्गियों को तुड़वा रहे हैं.