नई दिल्ली: देश की राजधानी के अस्पतालों में एक बार फिर कोरोना पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 1040 नए केस सामने आए हैं, जबकि 7 लोगों की मौत की खबर है. दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई है. 


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आमतौर पर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती होने के लिए मरीज को ज्यादा पैसे खर्च करने होते हैं, लेकिन हो सकता है कि इन दिनों आपको दिल्ली के किसी बड़े प्राइवेट अस्पताल में खोजने पर भी बेड न मिल रहा हो. इसकी बड़ी वजह कोरोना वायरस है. कोरोना वायरस के हल्के लक्षणों के बाद अब ऐसे मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है. पिछले कुछ दिनों से कोरोना से होने वाली कुल मौतों में पहला नंबर दिल्ली का है.


एनसीआर के अस्पताल अछूते नहीं 
नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए 236 बेड हैं, लेकिन इस समय सभी फुल हैं. ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी रहती है. इसमें साधारण बुखार से लेकर कोरोना वायरस से प्रभावित संदिग्ध मरीजों की संख्या भी अच्छी खासी है. 


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फोर्टिस में इंटरनल मेडिसिन हेड डॉ मृणाल सरकार के मुताबिक ये भीड़ बता रही है कि बीते कुछ हफ्तों में कोरोना वायरस ने अपने पैर पसारे हैं. भारत में कोरोना मरीजों के जो आंकड़े जारी किए जाते हैं, वो लैब टेस्ट के आधार पर जारी होते हैं. घर पर टेस्टिंग किट के साथ टेस्ट करने वालों की संख्या इसमें शामिल नहीं है. अगर उसे भी जोड़ दिया जाए तो असल में कोरोना मरीजों की संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है. 


मैक्स के पांच हॉस्पिटल का है ये हाल 
दिल्ली में मैक्स ग्रुप के 5 अस्पताल हैं. सभी में कुल मिलाकर कोरोना वायरस के 40 मरीज भर्ती हैं. तीन हफ्ते पहले यहां एक भी मरीज कोरोना की वजह से एडमिट नहीं था. ये नंबर ये बता रहे हैं कि दिल्ली में कोरोना वायरस गंभीर स्तर पर फैला है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक दिल्ली में इस समय कोरोना वायरस लगभग पीक पर पहुंच चुका है. 


कब कितनों ने गंवाई जान 
26 अप्रैल  - भारत में बीते 24 घंटे में 19 मौतें दर्ज हुईं. इनमें सबसे अधिक 6 मौतें दिल्ली से दर्ज हुई हैं. 
25 अप्रैल को दिल्ली में तीन लोगों ने गंवाई जान 
24 अप्रैल को दिल्ली में दो लोगों की हुई मौत 
23 अप्रैल को देशभर में 22 लोगों की मौत. इनमें से दिल्ली में सबसे अधिक 6 लोगों की जान गई  
22 अप्रैल देश में 40 मौतें, दिल्ली में सबसे अधिक 6 मौत दर्ज 


मैक्स अस्पताल दिल्ली के इंटरनल मेडिसिन हेड डॉ. संदीप बुद्दिराजा ने बताया कि दिल्ली के बड़े कारपोरेट अस्पतालों मैक्स, फोर्टिस और गंगाराम में बेड्स लगभग फुल हैं. हालांकि उसकी वजह सिर्फ कोरोना वायरस नहीं है, लेकिन कई प्राइवेट अस्पताल कोरोना मरीजों को एडमिट करने की जगह दूसरे अस्पताल रेफर कर रहे हैं, क्योंकि प्रबंधन का कहना है कि कोरोना मरीज को एडमिट करने के लिए एक विंग को आइसोलेट करना पड़ता है. स्टाफ और बाकी सारी व्यवस्थाएं अलग करनी पड़ती हैं, ऐसे में कई कोरोना मरीजों को भर्ती होने के लिए बेड खोजने में दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है.