महिलाओं के अंदर अक्सर ऐसा देखा गया है कि वो अपनी छोटी-मोटी समस्याओं को नजरअंदाज कर देती हैं. खासतौर पर जब पीरियड्स से जुड़ी समस्या होती है तो वो किसी से बात तक नहीं करना चाहती. लेकिन ऐसा करनेस से कई बार गंभीर समस्या सामने आने लगती है. अगर पीरियड्स से जुड़ी कोई भी समस्या हो तो उस नजरअंदाज बिल्कुल न करें. आप इरेग्युलर पीरियड साइकिल , अनियमित ब्लिडिंग, वेजाइनल डिस्चार्ज जैसी समस्याओं से परेशान हैं, तो तुरंत डाक्टर के संपर्क में जाएं और कुछ जरूरी टेस्ट भी करवाएं ताकि इसके पीछे का कारण पता चल सके. पीरियड्स सभी महिलाओं में होनी वाली नेचुरल और सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इससे जुड़ी समस्याएं सभी महिलाओं में एक जैसी नहीं हो सकती है. 


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थायराइड फंक्शन टेस्ट 
थायराइड डिसऑर्डर के कारण भी आपके पीरियड्स साईकल इरेगुलर हो सकते हैं. क्योंकि थायराइड की समस्या हार्मोन के उतार-चढ़ाव के कारण भी हो सकती है. इसके अलावा भी थाइराइड आपके सेहत को कई तरह से प्रभावित कर सकता है. इसके लिए आपको थायराइड फंक्शन टेस्ट जरूर करवाएं.  


इंसुलिन लेवल टेस्ट
आपके शरीर में अगर इंसुलिन का लेवल असंतुलित हो जाता है, इससे भी आपके पीरियड पर असर पड़ता है. टाइप 1 और टाइप 2 से जुड़ी महिलाओं में अक्सर पीरियड्स से जुड़ी समस्या देखने को मिलती है. अगर आपके पीरियड्स इरेगुलर है तो इंसुलिन लेवल का टेस्ट जरूर करवाएं. 


टेस्टोस्टेरोन टेस्ट
महिलाओं के शरीर में जब टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है तो पीरियड इरेगुलर हो सकते हैं. इस हार्मोन के बढ़ने से महिलाओं में पीसीओएस यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की परेशानी शुरू हो जाती है, जिससे महिलाओं के ओवरी में  गांठ बन सकती है.    


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लाइफस्टाइल में करें सुधार
पीरियड्स इरेगुलर होने का एक कारण आपकी अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी हो सकती है. इसके लिए आप अपनी डेली रूटीन में सुधार करें, जैसे वक्त पर सोन और वक्त पर जागना, हेल्दी डाइट लेना, रोजाना योगा करना. साथ ही जंक फूड और अधिक मसालेदार खाने से दूरी बनाना.