World Asthma Day 2023: हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को वर्ल्ड अस्थमा डे (World Asthma Day) के तौर पर मनाया जाता है, इस साल 02 मई को वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जा रहा है. फेफड़ों से जुड़ी इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है, हर साल इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से अस्थमा दिवस मनाया जाता है.


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क्या है अस्थमा (Asthma)?
अस्थमा फेफड़ों से जुड़ी एक इंफ्लेमेटरी (Inflamatory Disease) यानी सूजन की बीमारी है, जिसमें सांस लेने में तकलीफ होती है. दरअसल जब आप सांस लेते हैं तो मुंह या नाक से हवा अंदर लेते हैं  और यह नीचे आपके गले में जाती है और फिर एयरवेज से होते हुए फेफड़ों तक पहुंच जाती है.फेफड़ों में छोटे-छोटे वायुमार्ग होते हैं, जो हवा से ऑक्सीजन को लेकर आपके रक्त प्रवाह में पहुंचाने में मदद करते हैं. अस्थमा से पीड़ित मरीजों में वायुमार्ग की परत में सूजन आ जा जाती है और इनमें बलगम भर जाता है, जिसकी वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है. कई बार हवा की मात्रा कम होने पर लोगों को अस्थमा का अटैक भी आ जाता है. 


अस्थमा के लक्षण
-खांसी
-सीने में जकड़न
-सांस लेने परेशानी
-बात करने में दिक्कत
-बेचैनी
-थकान
-छाती में दर्द
-तेज सांस लेना
-बार-बार इंफेक्शन होना
-नींद नहीं आना


अस्थमा के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार
अस्थमा की बीमारी जेनेटिक भी हो सकती है, अगर आपके माता-पिता को ये बीमारी है तो इस बात की संभावना है कि आपको भी अस्थमा हो. वहीं अस्थमा के लिए प्रदूषण को भी जिम्मेदार माना जाता है. ज्यादा प्रदूषित शहरों में रहने से अस्थमा की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है. वहीं अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो प्रदूषण की वजह से फेफड़े के फंक्शन पर असर पड़ता है और अस्थमा के अटैक का खतरा बढ़ जाता है. 


अस्थमा से बचाव के उपाय
अस्थमा से बचने के लिए धूम्रपान न करें और अगर कोई कर रहा हो तो उससे दूर रहें, ठंड से एवं ठंडे पेय पदार्थों को लेने से बचें, थकान का काम न करें, धूल से बचें, सांस फूलने वाले काम को करने से बचें. इन सबके साथ ही अस्थमा के मरीज को कुछ ऐसी दवाइयां भी दी जाती हैं, जिससे सांस लेने में आसानी हो. इसमें इनहेलर्स का प्रयोग किया जाता है, इससे सांस लेने में आसानी होती है और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं.