World Food Safety Day 2023: दिल्ली वालों के लिए खुशखबरी...खाने के मामले में दूसरा सबसे सुरक्षित राज्य
World Food Safety Day 2023: केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू कश्मीर को पहला स्थान मिला है. वहीं दिल्ली को दूसरा और चंडीगढ़ को तीसरा स्थान मिला है. इसके साथ ही बड़े राज्यों की कैटेगरी में केरल को पहला स्थान, पंजाब को दूसरा और तमिलनाडु को तीसरा स्थान मिला है.
World Food Safety Day 2023: दिल्ली वालों के लिए एक अच्छी खबर आई है. Food Safety Index में दिल्ली को दूसरा स्थान मिला है. वहीं, चंडीगढ़ को तीसरा रैंक मिला है. फूड सेफ्टी मंत्रालय के अनुसार दिल्ली खाने के मामले में देशभर में दूसरा सबसे सुरक्षित राज्य है. बता दें, साल 2018 से यह रैंकिंग दी जा रही है. इस रैंकिग के दौरान हर साल अलग-अलग मामलों पर फोकस किया जाता है. साल 2022 में ट्रांसफैट कम करने पर फोकस किया गया था. फूड सेफ्टी इंडेक्स को बड़े राज्य, जिले, केंद्र शासित प्रदेश इत्यादी कैटेगरी में बांटा जाता है.
केंद्र शासित प्रदेशों का इंडेक्स
केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू कश्मीर को पहला स्थान मिला है. वहीं दिल्ली को दूसरा और चंडीगढ़ को तीसरा स्थान मिला है. इसके साथ ही बड़े राज्यों की कैटेगरी में केरल को पहला स्थान, पंजाब को दूसरा और तमिलनाडु को तीसरा स्थान मिला है. वहीं छोटे राज्यों में फूड सेफ्टी के मामले में गोवा को पहला स्थान, मणिपुर को दूसरा और सिक्किम को तीसरा रैंक मिला है.
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जिलों में किसको क्या मिला
अगर जिलों की बात की जाए तो पहले नंबर पर तमिलनाडु का शहर है. इसके साथ ही अपने लड्डू और समोसे कचौरी के लिए मशहूर ग्वालियर को फूड सेफ्टी के मामले में दूसरा स्थान मिला है. वहीं ठंडई और कचौरी-सब्जी के लिए प्रसिद्ध उत्तरप्रदेश के वाराणसी को चौथे स्थान पर और लखनऊ को छठे स्थान पर रखा गया है. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल के माल्दा समेत तीन जिले भी इस रैंकिंग में शामिल किए गए हैं.
किन मानकों पर दिए जाते हैं रैंक
राज्यों को पांच प्रमुख मानदंडों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है. इनमें ह्यूमन रिसोर्स, फूड सेफ्टी के नियमों को लागू करने, ट्रेनिंग, उपभोक्ता अधिकार और पिछले साल के मुकाबले सुधार के अधार पर इन मानकों को तय किये जाते हैं.
फूड स्ट्रीट की शुरुआत
इसके साथ ही इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि स्वाद और सेहत की नई ग्लोबल पहचान बनाने के लिए फूड स्ट्रीट आ रही है. इसके लिए वेंडर को ट्रेनिंग के साथ-साथ आईडी कार्ड और रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाएगा. इसके लिए उन्हें साफ पानी का इस्तेमाल डस्टबिन का प्रयोग और खाने के सामान को ढककर रखने के लिए निर्देश दिया जाएगा. इसके साथ ही सरकार द्वारा उन्हें सर्टीफिकेट भी दिया जाएगा जिससे वो प्रेरित होंगे.