6 वजहों से आप हो सकते हैं हार्ट अटैक का शिकार, समय रहते करा लें ये जरूरी टेस्ट
अगर आप अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको दिल का ध्यान रखना होगा और उसकी बात भी सुननी होगी. Heart Attack आने से पहले ही इन बीमारियों की पहचान करने का तरीका एकदम आसान है.
नई दिल्ली : सुपर स्लिम और पूरी तरह दिखने वाली सुष्मिता सेन को हार्ट अटैक कैसे आ सकता है. उम्र 47 साल. रोजाना योग और एक्सरसाइज में काफी समय देती हैं. हाइट और फिगर के हिसाब से सुपरफिट, लेकिन अब जरा इस हकीकत पर भी गौर कीजिए. लंबे समय से स्मोकिंग करती है. एक बीमारी की वजह से सुष्मिता सेन का एड्रेनल ग्लैंड ठीक से काम नहीं करता, जिसके लिए स्टेरॉयड लेने की जरूरत पड़ती है. बॉलीवुड हस्तियों का तनाव का स्तर किसी से छुपा नहीं है.
दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अतुल माथुर के मुताबिक फिट दिखने और दिल के सेहतमंद होने में बहुत फर्क होता है. हो सकता है कि आप योग और एक्सरसाइज करते हों, लेकिन अगर सुष्मिता सेन जैसी कोई भी परेशानी है तो दिल की बीमारी हो सकती है और हार्ट अटैक आ सकता है.
इसलिए बढ़ सकती है हार्ट अटैक की संभावना
बहुत ज्यादा तनाव लेना
डायबिटीज
हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा
बहुत ज्यादा स्मोकिंग करना या शराब पीना
परिवार में किसी को विशेष तौर पर माता-पिता को दिल की बीमारी होना, जिसकी वजह से उन्हें कभी हार्ट अटैक आया हो.
इनमें से कोई सा भी कारण अगर काबू से बाहर है तो वह दिल को बीमार कर सकता है. दिल्ली के Escorts अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अतुल मथुर के मुताबिक दिल की सेहत का ख्याल रखने के लिए 35़ वर्ष की उम्र के बाद जांच जरूर करा लेने चाहिए.
अगर आप अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको दिल का ध्यान रखना होगा और उसकी बात भी सुननी होगी. Heart Attack आने से पहले ही इन बीमारियों की पहचान करने का तरीका एकदम आसान है.
ये चेक करें दिल का हाल
दिल के स्वास्थ्य का हाल बताने वाला सबसे सामान्य टेस्ट है. Electro Cardio Gram. इसे ECG भी कहा जाता है. ECG में दिल की धड़कन को विद्युत तरंगों के रूप में देखा जा सकता है और इन्हीं तरंगों से दिल की बीमारी का पता लगाया जाता है.
दूसरा टेस्ट है Echo-Cardio-Gram. इसे आप ECHO Test के नाम से भी जानते हैं. इसमें High Frequency की ध्वनि तरंगों से आपके Heart के Valves और Chambers की तस्वीर बनाई जाती है और आपके हृदय की काम करने की क्षमता के बारे में पता लगाया जाता है.
तीसरा परीक्षण है. Treadmill Test. इसके लिए मरीज को Treadmill पर दौड़ना या चलना होता है. शारीरिक परिश्रम के दौरान आपके हृदय पर तनाव के असर को रिकॉर्ड किया जाता है.
ये तीनों Basic Tests हैं. इन टेस्ट के आंकड़ों से आपके दिल के बारे में प्रमुख जानकारियां मिल जाती हैं. अगर इन Tests में कोई समस्या मिले तो Advance Test की जरूरत होती है.
35 से 40 वर्ष की उम्र के बाद ये सभी Test आपको हर वर्ष एक बार जरूर करवाना चाहिए.
अगर आप मोटापे की समस्या से पीड़ित हैं, आपका Blood Pressure सामान्य से कम या ज्यादा रहता है और आपके शरीर में Cholesterol का स्तर भी अधिक हो तो आप अपने दिल का Checkup 30 वर्ष की उम्र से पहले भी करवा सकते हैं. हालांकि अगर आपके परिवार में आपके माता-पिता या किसी और रिश्तेदार को दिल की बीमारी है या उन्हें Heart Attack आया हो तो आपको और भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.