Hisar News: हिसार के नारनौंद में सामाजिक मुद्दों को लेकर खाप पंचायत होगी. खास बात ये है कि इसमें सामाजिक संगठनों के साथ-साथ तमाम राजनीतिक पार्टियों को भी बुलाया जाएगा. मुख्य मुद्दा समगोत्र विवाह सहित कई विषय रहेंगे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी की विद्यार्थी विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता सोनिया दुहन ने विषय को लेकर खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि देश की युवा पीढ़ी जितनी शिक्षित और जागरूक हो रही हैं संस्कृति में उतनी ही पिछड़ती चली जा रही हैं. आज हमें जितना हमारा देश जरूरी है, उतनी ही संस्कृति भी जरूरी है. संस्कृति को बचाने के लिए एक नवंबर को नारनौंद कस्बे में खाप व सामाजिक संगठनों की महापंचायत होगी.


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एनसीपी विद्यार्थी विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता सोनिया ने कहा की एक समय था जब हरियाणा का पूरे भारत में संस्कृति, रीति रिवाजों को लेकर सबसे ऊपर था. सरकार मुर्रा भैंसों की नस्ल तो सुधारने में लगी हैं, लेकिन इंसानों की नस्ल बिगाड़ने में सरकार का अहम रोल है. आज कुछ युवा रास्ते से भटककर अपने गांव या पड़ोस के गांव की लड़की से शादी करके घर से दूर रहते हैं, जो कि समाज के लिए अच्छे संकेत नहीं है.


यह समाज के लिए एक बड़ी बुराई है. इस लड़ाई को लड़ने के लिए प्रदेश के सभी खापें, सामाजिक संगठन व सभी राजनीतिक पार्टियों को एक नवंबर को नारनौंद में पहुंचने का न्योता दिया जाएगा और एक रणनीति तय करके इस बुराई पर रोक लगाने के लिए बड़ा आंदोलन का बिगुल बजाया जाएगा.


उन्होंने गांव की लड़की और लड़के में भाई बहन का रिश्ता होता है, लेकिन आज के युवा पर प्रेम विवाह का ऐसा पर्दा पड़ा हुआ हैं, जिसमें वे पूरी तरीके से अंधे हो चुके हैं. आज गांव की गांव में शादी करके रहना हरियाणा की संस्कृति के लिए अभिशाप बन चुका हैं. एक ही गोत्र में शादी करने में आज सबसे बड़ा योगदान कही न कही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकार का भी रहा हैं.


सरकार को ऐसा कानून पारित करना चाहिए, जिसमे गांव की गांव में शादी और गांव से नजदीक लगते गांव में भी शादी न हों, लेकिन सरकार तो प्रेम विवाह करने वाले प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा तक मुहैया करवाती है. उन्होंने कहा कि राजनेताओं को वोटो के मुद्दे में उठाकर सामाजिक मुद्दे भी उठाने चाहिए ताकि हमारी संस्कृति जिंदा रह सके. आज राजनीतिक पार्टियों ने अपने फायदे के लिए 36 बिरादरी में दरार डालने का काम किया है, लेकिन हमें जागरूक होकर उन बुराइयों को मिटाने में योगदान देना चाहिए जो की हमारे ताने-बाने को खोखला कर रही है.