रियाणा में इन दिनों मौसम ने करवट ले रखी हैं, इस बीच रात के वक्त तो तापमान में गिरावट होना लाजमी हैं क्योंकि दिसंबर चल रहा है. ऐसे में जरूरतमंदों की आस यहीं रहती हैं कि रात गुजारने के लिए उन्हें छत्त मिल जाएं. जी मीडिया लगातार आपको पिछले काफी दिनों से अलग अलग जगह की रेन बसेरा की तस्वीर दिखा रहा है. हमारा मकसद जरूरतमंदों को क्या वाकई में छत्त मिल पा रही हैं या फिर उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 


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हिसार में पहले रेलवे स्टेशन के आस-पास भी रोडवेज की बस में अस्थाई रैन बसेरा बनाया जाता था,  लेकिन इस बार अभी तक वो तो नजर नहीं आया है. इस बारे में जब लोगों से बातचीत की तो उनका कहना था कि रेलवे का काम चल रहा है, ऐसे में यहां बस तो नहीं है, लेकिन रैन बसेरों का इंतजाम धर्मशाला में किये गये है. 


इसके बाद जी मीडिया ने रेलवे स्टेशन के पास स्थित शिव धर्मशाला का भी जाकर मुआयना किया. यहां भी अस्थाई रैन बसेरा था. यहां मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी वहां मिले बुजुर्गों से बातचीत की. हालांकि संख्या तो ज्यादा नहीं थी, लेकिन जो बुजुर्ग वहां नजर आए, वो अपनी संतुष्टि जताते नजर आए. उनका कहना था कि नहाने से लेकर सोने तक की और कंबल इत्यादि की सुविधा यहां पर मौजूद है. यहां पर बुजुर्ग  खाना बनाते हुए भी ये नजर आएं. 


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बस स्टैंड के अंदर अभी किसी प्रकार का रैन बसेरा नहीं बना हुआ था. अगर किसी की बस निकल जाये या किसी अन्य कारण से उसे रुकना पड़ जाए, तो व्यवस्था नहीं है.  हालांकि कहा जा रहा है कि थोड़े दिन बाद व्यवस्था कर दी जाएगी.  बस स्टैंड से कुछ दूरी पर हिसार की नामदेव धर्मशाला है. वहां अस्थाई रैन बसेरा बनाया गया है. वहां लोग तो नहीं थे, लेकिन प्रबंध किये गये थे. हिसार में ओवरऑल रैन बसेरों को लेकर आमजन भी यहीं कहते नजर आएं कि व्यापक इंतजामों की दरकिनार है. 


इसी मामले को लेकर जी मीडिया ने उन लोगों से बात की जिनकी भागीदारी छोटी सरकार में है. यानी पार्षद के परिजनों से उनका कहना था कि यहां पर सिर्फ टेम्परेरी ही व्यवस्था है, सरकार को  चाहिए कि यहां कि व्यवस्था स्थायी हो.